शराबी शराब पीकर बिना कपड़ों के गलियों में पड़े रहते हैं। ऐसे में महिलाओं, बच्चों का यहां से निकलना दूभर हो जाता है। शराबियों के डर से बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। आरोप है कि पड़ोस के गांव का ठेकेदार नाजायज रूप से गांव की आबादी के बीच में सरेआम शराब बेच रहा है। गांव वालों ने कहा कि इस वजह से माहौल भी खराब होता जा रहा है ग्रामीणों ने कहा कि अवैध रूप से खुले शराब ठेके को बंद नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यहां पर कोई बड़ी घटना भी हो जाएगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
ग्रामीणों को डर है कि अवैध शराब के ठेके की वजह से गांव की बहू बेटियां भी खौफ जदा हो गई है।वह यहां से निकले भी तो कैसे निकले। ग्रामीणों ने दबी जुबान से कहा कि सुबह के वक्त काम धंधे पर जाने वाली महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों को लेकर साथ में जाती हैं,क्योंकि जहां ठेका खुला हुआ है वहां पर डर सताता रहता है कि कहीं कोई अप्रिय घटना ना हो जाये।
यह मामला 27 जनवरी को होने वाली हिसार में प्रशासनिक भवन के सभागार में लोक संपर्क एवं परिवारवाद समिति की बैठक में ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह के सामने उठेगा। समिति में रखे जाने वाली इस शिकायत के माध्यम से गांव बुगान के पंच सरजीत, मीना ने गांव में आबादी के बीच में शराब की दुकान को बंद करवाने की गुहार लगाई है। 1 साल पहले ठेके को बंद करवाने को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा किया था, लेकिन राजनीति हस्तक्षेप के चलते नहीं बंद हो पाया था ठेका। ग्रामीणों की मानें तो गांव में जब ठेका खुला था उसी दौरान गांव वालों ने इसका विरोध शुरू किया था। लेकिन पॉलिटिकल लोगों ने इसे बंद नहीं होने दिया। इस संबंध में ठेकेदार राजू यादव से बात की गई तो उन्होंने स्वीकारा की बुगाना गांव में जो ठेका खुला हुआ है वह अवैध है।
इस संबंध में बुगाना गांव के सरपंच अमित सीलन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 27 जनवरी को ऊर्जा मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को ग्रामीण उठाएंगे। मेरे पास भी पत्र आया हुआ है। गांव की आबादी में शराब ठेका खोलना गलत है, वर्तमान में जो ठेका या कोई दुकान है वह 31 मार्च तक ही संबंधित व्यक्ति द्वारा रखने की बात भी सामने आई है। इसको लेकर ग्रामीणों में कड़ा रोष बना हुआ है।
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