फ्लोरा चौक के पास शुक्रवार शाम किराना दुकानदार 51 वर्षीय मेहर सिंह की गोली मारकर हत्या और करीब 100 मीटर दूर मेडिकल स्टोर पर केमिस्ट जेजेपी के युवा माेर्चा के उपाध्यक्ष 48 वर्षीय आजाद सिंह को गोली मारकर घायल करने वाले आरोपी सिवाह के 55 वर्षीय शाहिद उर्फ सुरेंद्र पुत्र कर्ण सिंह को कोई पछतावा नहीं है। मौके पर लोगों से पिटने के बाद उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां रात को उसने दो रोटी खाई और फिर रातभर चैन की नींद सोता रहा। अस्पताल स्टाफ से बोला कि मैंने मारा है, जो किया ठीक किया। सुबह उसे डिस्चार्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार सिवाह निवासी आजाद सिंह और मच्छरौली निवासी मृतक मेहर सिंह रिश्तेदार थे। कई साल पहले दोनों की आसपास दुकान थी, बाद में मेहर सिंह ने थोड़ी दूर दुकान कर ली थी। 10-15 साल पहले आरोपी शाहिद आजाद के चाचा-ताऊ के खेत में काम करता था। खेत से पानी निकलने पर आरोपी को पीट दिया था। गांव में किसी ने साथ नहीं दिया।
तब से वह रंजिश रखने लगा। उसे टीबी की बीमारी थी, तब उसने सुना कि एक विशेष धर्म अपनाकर उसकी धार्मिक किताब पढ़ने से बीमारी ठीक हो जाती थी। 13 साल पहले वह घर छोड़कर मेरठ चला गया। वहां मदरसे में तालीम ली। तब सरदार सिंह नाम के युवक से उसकी दोस्ती हो गई। करीब 4 साल पहले वह सरदार सिंह का देसी कट्टा और कारतूस चुराकर लाया था। आरोपी मेरठ में कारपेट का काम करता था, वहां कम काम होने की वजह से वह पानीपत आ गया।
यहां वह मेहर सिंह की दुकान से करीब 50 मीटर आगे कॉलोनी में किराए के कमरे में रहने लगा और फैक्ट्री में काम करने लगा। तब आते-जाते मेहर सिंह और आजाद उसके साथ गाली गलौज करते थे। इससे खफा होकर उसने दोनों की हत्या की साजिश रची, कई बार उसने मारने की कोशिश की, लेकिन दोनों एक साथ दुकान पर नहीं मिले। शुक्रवार शाम को दोनों दुकान पर थे, तब वह
देसी कट्टा और थैले में कारतूस भरकर लाया।
पहले मेहर सिंह को और फिर आजाद को गोली मारी। गर्दन पर गोली लगने से मेहर की मौत हो गई, जबकि आजाद घायल है। लोगों ने आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया था। उससे देसी बंदूक, 18 जिंदा कारतूस और एक खाली कारतूस बरामद हुए हैं। मृतक मेहर सिंह के साले विक्रम ने केस दर्ज कराया है कि आरोपी दुकान से उधार सामान लेता था, पैसे न चुकाने के कारण जीजा ने सामान देना बंद कर दिया था। इसलिए आरोपी जीजा से रंजिश रखने लगा था। शुक्रवार को आरोपी ने इसी रंजिश में जीजा की गोली मारकर हत्या कर दी।
पत्नी ने किए चौंकाने वाले खुलासे
आरोपी शाहिद उर्फ सुरेंद्र से उसके परिवार वाले भी परेशान थी। यही कारण है कि गिरफ्तारी के बाद परिजन उसे देखने तक नहीं गए। पत्नी दर्शन देवी, 18 वर्षीय बेटे दीपक और 16 वर्षीय बेटे सचिन के साथ सिवाह गांव में एक कमरे के जर्जर मकान में रहती है। दर्शन देवी बताती हैं कि- शादी को करीब 19 साल हो चुके हैं। 16 साल पहले की बात है जब छोटा बेटा पेट में था और पति मुझे बिना बताए चला गया। करीब दो साल बाद पति का फोन आया और बताया कि उसने धर्म परिवर्तन कर लिया है। 3 साल बाद वह घर पर लौट आया। 13 साल पहले जब बड़ा बेटा दीपक 5 और छोटा सचिन 3 साल के थे। तब पति दोनों को लेकर चला गया। काफी तलाश किया, लेकिन नहीं मिला। उसने गांव के एक व्यक्ति को अपने बारे में जानकारी दी तब पता चला कि वह मेरठ में है। परिजन उसे और बच्चों को घर लाए। तब पति मुझे पीटता था। मुझे डर था कि बच्चों को दोबारा न ले जाए, इसलिए मायके चली गई। करीब 15 दिन बाद पति फिर भाग गया। तब लौटकर आई। बाद में मुझे फोन कर कहा कि तू मेरे साथ धर्म परिवर्तन कर। तब मैंने मना कर दिया। इसके बाद परिवार ने भी उससे नाता तोड़ लिया था। यहां तक कि हमने उसका राशन कार्ड भी नाम कटवा दिया था। पिता की मौत पर भी उसे सूचना नहीं दी।
थाने से महज 200 मीटर दूर रखे थे कारतूस, पुलिस को नहीं लगी भनक
आरोपी शाहिद सेक्टर 29 थाना से करीब 200 मीटर दूर कॉलोनी में करीब 1 साल से रह रहा था। लेकिन सोई पड़ी पुलिस को उसके हथियार और कारतूस के जखीरे की कोई भनक नहीं थी। शुक्रवार को वह सार्वजनिक स्थान पर करीब 300 मीटर तक हथियार लहराता रहा और दो लोगों को गोली मार दी। वारदात तब हुई तब फैक्ट्रियों से मजदूरों के निकलने का समय होता है और लूट-डकैती होती हैं, लेकिन वहां पुलिस की गश्त तक नहीं थी। भला हो भीड़ का जो आरोपी को पकड़ लिया, नहीं तो वह तीसरे युवक को भी गोली मार देता। जब लोगों ने सूचना दी तब रोते-पीटते एसएचओ मौके पर पहुंच गए। सेक्टर 29 थाना क्षेत्र में अपराधियों के हौसले बुंलद हैं, आए दिन लूट, हत्या जैसे संगीन वारदात हो रही हैं।
पानीपत में 10 से 15 % बढ़ा हत्याओं का ग्राफ
जिले में आए दिन संगीन अपराध हो रहे हैं। करीब 8 दिन में 6 हत्याएं हो गई, दो लोगों को गोली मारकर घायल कर दिया गया।महिला पर तेजाब डाल दिया। ऐसे कई बड़े अपराध इन दिनों तेजी से हो रहे हैं। खोतपुरा में हत्या कर फेंके गए शव के मामला हो या महिला पर एसिड अटैक का मामला, अपराधी पकड़े नहीं गए। हत्या की बात करें तो इस साल करीब 10 से 15 प्रतिशत ग्राफ बढ़ा है। हैरत की बात है कि सार्वजनिक स्थान पर भी पुलिस नदारद रहती है।
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