
महिला डॉक्टर के साथ लिव इन रिलेशनशिप में पैदा हुई बच्ची की कस्टडी व डीएनए टेस्ट की मांग को लेकर डॉ. नवनीत मग्गो की याचिका पर फैमिली कोर्ट जल्द फैसला सुना सकती है। सोमवार को सुनवाई के दौरान महिला डॉक्टर परिजनों पहुंचीं। जज ने पूछा कि क्या वे इस केस में कुछ कहना चाहती हैं। लेकिन डॉक्टर चुप रहीं। उनके वकील ने कहा कि हमारे पास कोई जवाब नहीं है। वहीं, डॉ. मग्गो से कोर्ट से आग्रह किया कि फैसला जल्द सुनाया जाए। वहीं, कोर्ट में महिला डॉक्टर की मां ने बच्ची को बदजात कहा। डॉ. मग्गो ने हाथ जोड़कर कहा कि उनकी बच्ची के साथ क्रूरता की जा रही है। उन्हें सिर्फ उनकी बच्ची दिला दें। इस पर कोर्ट ने महिला डॉक्टर की मां को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करने के लिए कहा। महिला डॉक्टर की मां ने कहा कि इस बच्ची ने उन्हें कहीं भी मुंंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है। जज ने कहा कि कोर्ट इसके लिए रिस्पाॅन्सिबल नहीं है। इस स्थिति के लिए आप खुद जिम्मेदार हो। कोर्ट सच पर चलकर न्याय देती है।
ढाई साल की बच्ची की कस्टडी के लिए लड़ाई
ऋषिकेश एम्स में डॉक्टर नवनीत मग्गो ने ढाई साल की बच्ची की कस्टडी पाने के लिए याचिका लगा रखी है। तर्क है कि अम्बाला की महिला डॉक्टर उनके साथ कई साल लिव इन रिलेशनशिप में रही। उसी से कनाडा में यह बच्ची पैदा हुई।
डॉ. मग्गो की लिव इन रिलेशनशिप में पैदा बच्ची की कस्टडी की मांग पर सुनवाई
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