
आज राष्ट्रीय डाॅक्टर्स दिवस है। यह दिन ऐसे समय में आया है, जब देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है। इस लड़ाई में हमारा सबसे बड़ा हथियार हमारे डाॅक्टर हैं। ऐसे में उन चुनिंदा डॉक्टर्स की कहानी जो खुद कोरोना काे हराकर मरीजों की मदद कर रहे हैं।
सोसायटी ने गलत व्यवहार किया, मेड को भी छुड़वाया, फिर भी अपनी ड्यूटी पर लौटी
4 मई काे मेरी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई तो पति डाॅ. अभिनव, ससुराल वालों व पेरेंट्स ने मजबूती दी। इस दाैरान साेशल मीडिया पर अफवाहें फैलने लगीं कि मेरी पूरी फैमिली काे काेराेना हाे गया। बहरहाल, रिपीट रिपोर्ट निगेटिव आने पर 14 दिन होम आइसोलेशन में रहीं।
15वें दिन ही 23 मई काे दाेबारा ड्यूटी जॉइन कर ली। तब सोसायटी में लाेग कहने लगे कि ड्यूटी पर जाती है दाेबारा काेराेना ना हाे जाए। लोगों के दबाव में मेड ने हमारे घर का काम करना ही छाेड़ दिया। लाेगाें के व्यवहार की चिंता किए बिना ड्यूटी पर हूं। - डाॅ. साची, ईएमओ सिविल अस्पताल अम्बाला कैंट।
कर्नाटक में रह रहे परिजनाें काे भी नहीं बताई खुद के काेराेना पाॅजिटिव होने की रिपाेर्ट
डॉ. विकास, पीजीआई रोहतक, मेडिसिन विभाग ने कहा कि मेरी ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में संक्रमित मरीजों के इलाज में थी। नौ जून को मैं संक्रमित हो गया। कर्नाटक में रह रहे माता-पिता से रोज बात होती थी, लेकिन फैमिली को कोरोना संक्रमित होने की जानकारी नहीं दी। तीन दिन बाद दोबारा टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आने पर राहत मिली। इसके बाद हाॅस्टल में क्वारेंटाइन में रहा। 15 जून को वापस आकर ड्यूटी जॉइन की। वार्ड में संक्रमित मरीजों को बीमारी से जीतने के लिए खुद का उदाहरण देकर प्रेरित करने का प्रयास करता हूं।
पॉजिटिव होते हुए भी ऑनलाइन काम संभाला, अब तो आइसाेलेशन वार्ड में सेवा कर रहा हूं
डॉ. ध्रुव चौधरी, एचओडी सीनियर प्रोफेसर व कोविड-19 के स्टेट नोडल अधिकारी, पीजीआई रोहतक ने बताया कि मैं और मेरी बेटी अब स्वस्थ हैं। 17 दिन तक होम आइसोलेशन में रहने के दौरान संयमित दिनचर्या का पालन किया। अब मैं दाेबारा काेराेना मरीजाें की सेवा में लाैट चुका हूं। आइसाेलेशन वार्ड में मरीजाें का चेकअप कर रहा हूं। काेराेना से ग्रस्त हाेने के दाैरान भी लगातार ऑनलाइन ही जूनियर्स काे काेराेना मरीजाें के लिए सलाह दी। अब जूनियर्स काे यही समझा रहा हूं कि काेराेना से डरने की नहीं सावधानी की जरूरत है।
चार माह पहले हुई थी शादी लेकिन कोरोना ने मुझे परिवार से भी कर दिया था दूर
डॉ. रवि लांबा, कौरानी सीएचसी फरीदाबाद कहते हैं कि चार महीने पहले ही शादी हुई थी, लेकिन कोरोना ने हमला कर परिवार से दूर कर दिया। घर में ही खुद को आइसोलेट कर परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रहा। कोरोना से जंग जीतकर उसी जज्बे के साथ सेवा में हूं। मेरा मानना है कि किसी मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है। यदि आपका आत्मविश्वास मजबूत है तो काेराेना आपको हरा नहीं सकता। बगैर किसी तनाव के इम्यूनिटी पावर बढ़ाते रहिए और जंग लड़कर आगे बढ़ते रहिए, क्याेंकि हम सभी को अब इसी के साथ जीना है।
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