
खरीफ फसलों पर टिड्डी दल के हमले से हरियाणा के दक्षिण-पश्चिम जिलों के किसानों की चिंता लगातार कायम है। क्योंकि अभी भी पूरी तरह से टिड्डी दल का खात्मा नहीं हुआ है। 27 जून से अब तक प्रदेश में कई बार टिड्डी दल फसलों पर अटैक कर चुके हैं।
कृषि विभाग के अलावा प्रशासनिक अमला फसलों को बचाने के लिए तेजी से कार्रवाई में जुटा है। फिलहाल सरकार ने हरियाणा में टिड्डी दल के हमले से बर्बाद हुए फसलों के नुकसान का आंकलन करने के लिए संबंधित जिलों के डीसी से रिपोर्ट मांगी गई है।
उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे विशेष गिरदावरी करवाएं। खास बात यह है कि इन टिड्डी दल के और भी हमले हो सकते हैं, क्योंकि कृषि विभाग के अनुसार राजस्थान का झुंझनू इनका हब बन चुका है। इनके हरियाणा तक पहुंचने में महज दो घंटे लगते हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि टिड्डी दल ने हरियाणा में अंडे दिए हैं, इस कारण इनकी संख्या और बढ़ सकती है।
कृषि विभाग अब इन हमलों को रोकने के लिए नई रणनीति भी तैयार कर रहा है। कृषि अधिकारियों के अनुसार जिस तरह से टिड्डी दल का फसलों पर हमला हो रहा है, इनसे किसानों की फसल को बचाने के लिए कृषि विभाग तीन ड्रोन लेगा। तीन ड्रोन की खरीद की जाएगी। यह संभव नहीं हुआ तो तीन ड्रोन हॉयर किए जाएंगे। एक ड्रोन पर एक समय में 10 लीटर दवाई आती है और 10 मिनट में यह कार्रवाई कर नीचे उतारा जाता है।
टिड्डी दल पर बड़ा हमला करने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र से दो ड्रोन मंगाए हैं। ये ड्रोन प्रदेश के भिवानी जिले में प्रयोग किए गए। किसानों के अनुसार अब तक खरीफ की बाजरा, ज्वार, गन्ना और कपास, सिरसा में धान, हरा चारा व वन एरिया के अलावा अन्य फसलों पर टिड्डी दल हमला कर चुका है। हालांकि अभी नुकसान की फाइनल रिपोर्ट बनाई जानी है। इसके लिए आंकलन किया जा रहा है। अब तक कृषि विभाग की ओर से टिड्डी दल के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए 8000 एकड़ से अधिक एरिया में दवाइयों का छिड़काव किया है। यह छिड़काव झज्जर, चरखी दादरी, पलवल, सिरसा, नूंह, रेवाड़ी, भिवानी, नारनौल में किया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि कृषि विभाग टिड्डी दल पर लगातार नजर बनाए हुए है। कृषि विभाग के उपनिदेशक प्रताप सभ्रवाल का कहना है कि टिड्डियों के हमले से अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग असर है। अच्छी बात है कि छिड़काव की जा रही दवा पूरी तरह से प्रभावी है। मंगलवार को तालु में टिड्डियों के छोटे दल ने हमला किया था। जिसे दिखते हुए विभाग के प्रबंध काफी साबित हुए। 70 फीसदी से टिड्डियां मर गईं जबकी बाकी छितर गईं।
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