
(सुशील भार्गव) प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 112 जगह फसल अवशेष जलाए गए हैं। 25 सितंबर से अब तक धान का कटोरा माने जाने वाले करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र जिलों में 1852 जगह फसल अवशेष जलने के स्पॉट सामने आए हैं। जबकि समूचे प्रदेश में अब तक 3302 जगह फसल अवशेष जलाए जाने के स्पॉट सामने आए हैं। कैथल में 572, करनाल में 676, कुरुक्षेत्र में 604 जगह फसल अवशेष जलाए जा चुके हैं।
प्रदेश में अबकी बार करीब 13.29 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है। अब कटाई तेजी से चल रही है, चूंकि किसान मोटे धान की कटाई कर रहे हैं और इसी की पराली को सबसे अधिक जलाया जा रहा है। क्योंकि इसे कंबाइन से कटाया जाता है। अब तक प्रदेश में फसल अवशेष जलाने पर 159 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 15 लाख रुपए जुर्माना किसानों पर किया गया है। सामान्य से तीन डिग्री कम हुआ पारा: मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। रात का पारा हिसार में 15.7 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से तीन डिग्री कम रहा। अगले चार से पांच दिनों में उत्तरी भारत के कई इलाकों में रात का तापमान दो से तीन डिग्री तक और कम हो सकता है। इससे ठंडक तेजी से गहरा सकती है।


13 हजार मशीनों के बिल अपलोड
कस्टम हाईरिंग सेंटर के माध्यम से 80% तक की सब्सिडी दर पर मशीनरी उपलब्ध करवाने के लिए 152 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की है। किसानों को ऐसी मशीनों के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी देने के लिए इस वर्ष 216.21 करोड़ रुपए का बजट है। 2019 में पराली प्रबंधन के लिए 24705 मशीनें दी गई थी, जबकि इस बार 13 हजार मशीनों के बिल अपलोड कर दिए गए हैं। 1031 और कस्टम हाईरिंग सेंटर्स की संख्या और खुलने के साथ ही 3831 हो जाएगी।
किसानों को किया जा रहा जागरूक
किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 159 एफआईआर दर्ज की गई हैं और करीब 15 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। -देवेंद्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा।
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