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Saturday, 31 October 2020

1989 में जिला बना रेवाड़ी, तब से 28 डीसी और 15 विधायक बदले, 31 वर्ष का हो गया अपना जिला

31 साल पहले ठीक आज ही के दिन रेवाड़ी जिला अस्तित्व में आया। 1 नवंबर 1989 को महेंद्रगढ़ से अलग कर रेवाड़ी को अलग जिले का दर्जा दिया था। उस समय यह मांग 2 साल पहले ही उठनी शुरू हुई थी। तत्कालीन विधायक रघु यादव ने पूर्व सीएम चौ. देवीलाल के समक्ष मांग रखी थी, जिसे स्वीकृति मिल गई।

तब से रेवाड़ी जिला में 28 डीसी आ चुके हैं। जबकि 3 विधानसभा सीटों पर 15 विधायक रहे चुके। इन 31 सालों में जिले ने विकास का सफर तय किया है। सैनिक स्कूल, आईजीयू मीरपुर जैसे संस्थान मिले हैं। ईएसआई अस्पताल प्रस्तावित है। जिले से 25 हजार से ज्यादा सैनिक व 35 हजार पूर्व सैनिक हैं।

जनसभा में रखी मांग सीएम ने दी मंजूरी
पूर्व विधायक रघु यादव बताते हैं कि वर्ष 1987 में वे चौ. देवीलाल की पार्टी से रेवाड़ी सीट पर विधायक थे। उस समय उन्होंने राव तुलाराम पार्क में जनसभा आयोजित की थी, जिसमें मुख्यमंत्री चौ. देवीलाल भी पहुंचे थे। इस जनसभा के दौरान विधायक रघु यादव ने रेवाड़ी को अलग जिला बनाने की मांग रखी। इस मांग को चौ. देवी लाल ने माना।

हालांकि जिला बनने से पहले रघु यादव ने दक्षिण हरियाणा के हकों (नौकरियों और नहरी पानी) के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था। उपचुनाव हुए तो कैप्टन अजय सिंह यादव ने जीत हासिल की। 1989 में 1 नवंबर के दिन रेवाड़ी को अलग जिला बनाया गया।

पहली एसपी दीपा मेहता : पुलिस प्रवक्ता के अनुसार वर्ष 1989 में जिला के पहले एसपी के तौर पर महिला ऑफिसर ने कमान संभाली थी। आईपीएस दीपा मेहता जिले की पहली एसपी थी। वर्तमान में एसपी अभिषेक जोरवाल यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

दिल्ली के समकालीन है इतिहास...
रेवाड़ी पहले महेंद्रगढ़ जिले का एक उपमंडल और तहसील था। रेवाड़ी का इतिहास दिल्ली के इतिहास के समकालीन है। महाभारत काल के दौरान रेवत नाम के राजा थे। उनकी बेटी रेवती थी। जिसके नाम से राजा ने बेटी के नाम पर “रीवा वाडी” नामक शहर स्थापित किया।

रीवा का विवाह भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम के साथ हुआ और राजा ने अपनी बेटी को दहेज के रूप में “रीवा वाडी” दान किया। बाद में रीवा वाड़ी शहर रेवाड़ी के रूप में जाना गया।

पहले डीसी थे केके जालान : जिले के पहले डीसी केके जालान थे। जिन्होंने 4 नवंबर 1989 को कार्यभार संभाला था। जो कि सिर्फ 38 दिन (11 दिसंबर) तक ही जिले में तैनात रहे थे। वर्तमान में डीसी यशेंद्र सिंह हैं।

इस दौरान ये भी मिले...

1. तीसरा नेशनल हाईवे बन रहा :गोकलगढ़ से नारनौल रोड को जोड़ने वाले बाईपास का निर्माण कार्य चल रहा है। वहीं बांबड के पास स्थित एनएच-71 से नारनौल रोड को जाेड़ने वाले बाईपास का काम पाइपलाइन में है। दिल्ली-जयपुर एनएच 48 और रेवाड़ी-रोहतक एनएच 352 नेशनल हाईवे के बाद जिले से तीसरा हाईवे रेवाड़ी से नारनौल होते हुए एनएच-11 बनने का काम चल रहा है।
2. आईजीयू अवसर : आईजीयू बनने से यहां शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को बड़ा मौका मिला है। अब विवि से रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ के कॉलेज भी जोड़े जा चुके हैं।
3. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर : यूपी के दादरी से मुंबई तक जाने वाला वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर रेवाड़ी से होकर गुजर रहा है। मालगाड़ी के लिए बनने वाले इस कॉरिडोर से विकास के द्वार खुलेंगे।

1989 के समय से ये रहे विधायक...
रेवाड़ी विधानसभा सीट पर 31 साल में सिर्फ 3 ही विधायक बदले हैं। जिला बनने के समय कैप्टन अजय यादव विधायक थे, जो कि 2014 तक रहे। 2014 में रणधीर सिंह कापड़ीवास तथा अब कैप्टन अजय यादव के ही पुत्र चिरंजीव राव विधायक हैं।
कोसली विधानसभा (पहले जाटूसाना) सीट पर वर्ष 1989 से लेकर अब तक 6 विधायक रहे। इनमें राव नरबीर सिंह, राव इंद्रजीत, जगदीश यादव, राव यादवेंद्र, बिक्रम यादव व वर्तमान विधायक लक्ष्मण यादव अलग-अलग समय में विधायक रहे हैं।
बावल विधानसभा सीट पर भी 6 विधायक रहे। इनमें मुनीलाल, शकुंतला भगवाड़िया, जसवंत सिंह, डॉ. एमएल रंगा, रामेश्वर दयाल व डॉ. बनवारी लाल विधायक रहे हैं।

इनका इंतजार...
1. मनेठी एम्स की सौगात : जिले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बनना प्रस्तावित है। मनेठी में अरावली से बाहर जमीन न मिलने के बाद माजरा की जमीन को लेकर प्रस्ताव केंद्र को भेजा हुआ है। यह विकास के रास्ते खोलेगा।
2. नए बस स्टैंड का भवन : बाईपास पर प्रस्तावित नए बस स्टैंड के निर्माण का इंतजार काफी लंबा हो चुका है। मगर जमीन को लेकर कानूनी अड़चनें रही हैं। अभी भी इसका रास्ता साफ नहीं हो सका है। 20 एकड़ से ज्यादा में आधुनिक बस स्टैंड बनना है।
3. सैनिक स्कूल भवन :जिले में वर्ष 2008 में सैनिक स्कूल शुरू हुआ। इसकी कक्षाएं अभी उधार की बिल्डिंग में चलाई जाती हैं। लंबे समय से इसका भवन गोठड़ा पाली में बनाया जा रहा है, जिसका काम सुस्त गति से चलता आ रहा है।



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Rewari became district in 1989, since then 28 DCs and 15 MLAs have changed, their district has turned 31


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