कोसली-कनीना मार्ग पर लूखी गांव के समीप सोमवार की रात को लूखी गांव के समीप हुए हादसे में 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई। युवक की बहन के यहां जाने वाले छूछक के लिए सामान की खरीददारी करने के बाद कोसली से जिला महेंद्रगढ़ स्थित अपने गांव वापस जा रहा था। दुर्घटना के बाद वाहन चालक वाहन छोड़ मौके से फरार हो गया जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। मंगलवार को कोसली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया और अज्ञात चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
27 अक्टूबर को जाना था छूछक
कोसली पुलिस ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ के कनीना क्षेत्र के गांव करीरा निवासी छोटेलाल की बेटी को बेटा पैदा हुआ था, इसके लिए परिवार की तरफ से 27 अक्टूबर को महेंद्रगढ़ के ही गांव बलायचा में छूछक लेकर जाना था। सोमवार की शाम को छोटेलाल का 22 वर्षीय इकलौता बेटा उमीर सिंह छूछक के लिए कपड़े एवं अन्य सामान लाने के लिए कोसली गया था। खरीददारी करने के बाद कोसली से रात करीब 8 बजे जब उमीर सिंह लूखी गांव के ईंट भट्ठा के समीप पहुंचा तभी सामने से आ रहे एक बोलेरो कैंटर के चालक ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी।
इस दुर्घटना में उमीर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया और वहीं दुर्घटना के बाद आरोपी कैंपर चालक अपना वाहन मौके पर छोड़कर फरार हो गया। इसके बाद वाहन चालकों ने घायल को संभाला और मामले की सूचना कोसली पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस की मदद से उमीर सिंह को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद मृतक के परिजन भी रात को ही मौके पर पहुंच गए थे लेकिन रात का समय होने के कारण शव का पोस्टमार्टम मंगलवार सुबह कराया गया। पुलिस ने पिता के बयान के आधार अज्ञात चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
एक साल पहले हुई थी उमीर की शादी
इस सड़क हादसे ने पेशे से किसान छोटेलाल के परिवार की जिंदगी भर की खुशियां छीन ली है। जिस परिवार में छूछक जाने की तैयारियां चल रही थी वहां अब पर परिजनों क्रंदन चल रहा है जिसकी वजह से पूरे गांव में शोक छा गया है। उमीर सिंह बहन सरिता के बाद पिता का इकलौता बेटा था और उसकी लगभग 1 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी।
हालांकि उमीर अभी एमडीयू रोहतक से पढ़ाई कर रहा था और अभी कोविड की वजह से कक्षाएं नहीं लगने के कारण मार्च से अपने घर पर ही था। परिजनों ने बताया कि 27 अक्टूबर को छूछक जाना था जिसके लिए परिवार में तैयारियां करने के साथ सामान की खरीददारी की जा रही थी लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। फिलहाल उमीर की कोई संतान भी नहीं है।
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