
राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब 19275 सक्रिय मरीज हो गए हैं। इनमें से 19,010 मरीज पिछले 11 दिन में मिले हैं। इससे पहले के सिर्फ 265 मरीज हैं। यानी त्योहारी सीजन में संक्रमण नहीं फैलता तो प्रदेश में कोरोना की उलटी गिनती शुरू हो चुकी होती। बड़ी चिंता की बात यह है कि इन 11 दिनों में करीब 60% मरीज मात्र चार जिलों में मिले हैं। जिनमें गुड़गांव, फरीदाबाद, हिसार व रोहतक जिला शामिल है। प्रदेश में गुरुवार को 2708 नए मरीज मिले हैं। इसके मुकाबले 2019 मरीज ठीक हुए हैं।
हर दिन नए मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1,93,559 हो गया है। वहीं, अब तक 1,72,265 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। रिकवरी दर गिरकर अब 88.99% पर आ गई है। एक दिन में 18 मरीजों की मौत हुई है। फरीदाबाद में सर्वाधिक 4, गुड़गांव में 3, जींद, भिवानी, रोहतक, रेवाड़ी में 2-2, हिसार, सिरसा, झज्जर में 1-1 मरीज की जान गई है। इससे मृतकों की कुल संख्या 2019 हो गई। वहीं, गंभीर मरीजों की संख्या बढ़कर 316 पहुंच गई है। 33 वेंटिलेटर, 283 ऑक्सीजन सिस्टम के सहारे हैं। 24 घंटे में 54645 लोगों के सैंपल लिए गए हैं।
वैक्सीन से पहले आ जाएगी हर्ड इम्युनिटी, मार्च तक महामारी का डर कम होगा एम्स निदेशक
देश में कोरोना मरीजों की संख्या 87 लाख पार हाे गई है। ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 81,05,115 और रिकवरी दर 92.95% हो गई है। इस बीच, दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हम एक ऐसी स्थिति में पहुंच जाएंगे, जब हर्ड इम्युनिटी आ जाएगी और तब वैक्सीन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर वायरस म्यूटेट नहीं होता है और इसमें परिवर्तन नहीं आता है, तो लोग वैक्सीन लगाने के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन इसकी जरूरत नहीं है। अगले साल की शुरुआत में बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हो चुके होंगे। जिनके दोबारा संक्रमित होने का खतरा कम होगा। कुल मिलाकर फरवरी-मार्च 2021 तक परिस्थितियां ऐसी होंगी कि कोरोना का भय लोगों में कम होने लगेगा।
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