बेशक 12वीं के रिजल्ट में रेवाड़ी जिला पिछले तीन साल से लगातार टॉप पर है। फिर भी बच्चों की पास प्रतिशतता बढ़ाना मकसद है। ऐसे में जिला के शिक्षा अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती तो इस पॉजीशन को बरकरार रखना है, साथ ही 90 फीसदी पास प्रतिशतता के लक्ष्य को भी हासिल करना होगा। फिलहाल शीतकालीन अवकाश के बाद स्कूल खुलने पर 5 प्वाइंट पर भी खास फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इन प्वाइंटों पर अमल हो रहा है या नहीं इसके लिए अधिकारी मॉनीटरिंग भी करेंगे। इधर, प्री-बोर्ड की भी डेट शीट जारी हो गई है। 28 जनवरी से शुरू होने वाली ये परीक्षाएं 10 फरवरी तक चलेंगी।
एजुकेशन टारगेट


बेशक 12वीं के रिजल्ट में रेवाड़ी जिला पिछले 3 साल से लगातार टॉप है, फिर भी बच्चों का पास प्रतिशत बढ़ाना मकसद
इन प्वाइंट्स पर देना होगा खास ध्यान










बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट 80 फीसदी से नीचे नहीं रहे : शिक्षा अधिकारियों के अनुसार जिले में सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी में परिणाम 80 फीसदी से नीचे नहीं रहेगा। इस बार 10वीं कक्षा के लिए 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 फीसदी लक्ष्य किया गया है। क्योंकि जिला पिछले वर्ष दूसरे नंबर पर रहा था। ऐसे में इस बार टॉप पर आने की कठिन चुनौती भी रहेगी। वहीं 12वीं कक्षा में जिला तीन साल से टॉप रहा है। इस बार 79 से 90 फीसदी रिजल्ट लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि बेहतर रिजल्ट को लेकर पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में 10वीं व 12वीं के सरकारी स्कूलों की कुल संख्या 175 से ज्यादा है। सरकारी स्कूलों का परिणाम सुधारने पर पूरा फोकस है।
इन दो बिंदुओं पर भी मंथन...
मार्किंग व दूसरे राज्यों के बोर्ड उच्चस्तर पर हुई बैठक में मुख्य तौर पर दो और बिंदुओं पर भी मंथन किया जा रहा है, जिस पर खुद सरकार भी चिंतित है।
पहला सीबीएसई की तुलना में हरियाणा बोर्ड की मार्किंग। सीबीएसई पैटर्न में विद्यार्थियों को प्रश्न आधा सही करने पर भी 1 या आधा अंक दे दिए जाते हैं, जबकि हरियाणा बोर्ड में विद्यार्थियों के नंबर उस प्रश्न में जीरो कर दिए जाते हैं। इसमें सुधार की कवायद होगी।
दूसरा दूसरे राज्यों के बोर्ड परिणाम बेहतर रहते हैं। जबकि शिक्षा का स्तर हरियाणा बोर्ड का भी उसी अनुरूप या बेहतर आंका जा सकता है। इसलिए दूसरे स्टेट के बोर्ड परिणाम का भी अवलोकन किया जा सकता है। इस पर उच्चस्तर से ही मंथन किया जा रहा है।
इधर, प्री-बोर्ड परीक्षाओं का शेड्यूल जारी
फीडबैक स्कूलों से लिए जाएंगे : बीईओ डॉ. खुशीराम यादव के अनुसार इसमें खास बात यह भी रहेगी कि प्रिंसिपल या स्कूल हैड को फीडबैक भी लेनी होगी। जिसमें यह भी देखा जाएगा कि शिक्षक बोर्ड पैटर्न को लेकर जागरूक है या नहीं। शिक्षा अधिकारी भी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और शिक्षकों व प्रिंसिपल से भी फीडबैक लेंगे।
प्रिंसिपल व सीआरसी हेड को बैठक में दिए दिशा-निर्देश


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