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Wednesday, 15 January 2020

पहली बार पढ़ाई के लिए मिला टारगेट, जिले का रिजल्ट 10वीं में 18% व 12वीं में 11% सुधारना होगा, पुराने पेपर से देंगे होमवर्क

जिला शिक्षा विभाग इस बार परीक्षा परिणाम का टारगेट लेकर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कराएगा। दरअसल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (एचबीएसई) परीक्षाओं का परिणाम सुधारने के लिए पहली बार नया प्रयोग किया जा रहा है। इसमें जिलों को परिणाम सुधारने के लिए टारगेट दिए गए हैं, ताकि 10वीं व 12वीं में ज्यादा विद्यार्थी पास हो सकें। समग्र शिक्षा राज्य के महानिदेशक की ओर से निर्धारित किए गए लक्ष्य के अनुसार रेवाड़ी को इस बार 10वीं के परिणाम में 18% और 12वीं में 11% का सुधार लाना होगा।

बेशक 12वीं के रिजल्ट में रेवाड़ी जिला पिछले तीन साल से लगातार टॉप पर है। फिर भी बच्चों की पास प्रतिशतता बढ़ाना मकसद है। ऐसे में जिला के शिक्षा अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती तो इस पॉजीशन को बरकरार रखना है, साथ ही 90 फीसदी पास प्रतिशतता के लक्ष्य को भी हासिल करना होगा। फिलहाल शीतकालीन अवकाश के बाद स्कूल खुलने पर 5 प्वाइंट पर भी खास फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इन प्वाइंटों पर अमल हो रहा है या नहीं इसके लिए अधिकारी मॉनीटरिंग भी करेंगे। इधर, प्री-बोर्ड की भी डेट शीट जारी हो गई है। 28 जनवरी से शुरू होने वाली ये परीक्षाएं 10 फरवरी तक चलेंगी।

एजुकेशन टारगेट हर दिन राइटिंग प्रेक्टिस से लेकर जीरो पीरियड समेत 5 बिंदुओं पर फोकस

बेशक 12वीं के रिजल्ट में रेवाड़ी जिला पिछले 3 साल से लगातार टॉप है, फिर भी बच्चों का पास प्रतिशत बढ़ाना मकसद

इन प्वाइंट्स पर देना होगा खास ध्यान

पुराने सॉल्व हुए प्रश्न पत्रों का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराएं। वहीं प्रत्येक विषय के 4 से 5 प्रश्नों पर शिक्षक हर रोज कक्षाओं में भी चर्चा करेंगे। पुराने पेपर बच्चों को होमवर्क के रूप में भी दिए जाएं।

हर दिन विद्यार्थियों की राइटिंग प्रैक्टिस कराएं। क्योंकि एल-0 व एल-वन स्टूडेंट राइटिंग बेस वाक्यों में कठिनाई महसूस करते हैं। महत्वपूर्ण प्रश्न कक्षाओं में भी हल कराएं जाएं। नियमित गृहकार्य भी जांचे जाएं।

ज्यादा नंबर वाले प्रश्नपत्रों पर विशेष फोकस करें। इसमें हर विषय में जो भी बड़े व ज्यादा नंबर वाले प्रश्न हैं, उनको खासतौर पर कक्षाओं में हल कराएं।

फरवरी के दूसरे सप्ताह में मेगा पीटीएम भी होनी है। इसमें प्रत्येक शिक्षक खुद अभिभावकों के सामने रिपोर्ट रखेंगे। वहीं सैट पोर्टल पर भी 13 फरवरी से पहले सभी डाटा अपलोड करने होंगे।

जीरो पीरियड में अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जाएं। जिसमें सुबह के समय कक्षाएं लगाई जाएं, इसमें कमजोर बच्चों पर खास फोकस करें, अतिरिक्त कक्षा में नियमित अभ्यास कराया जाए व इसकी उचित प्रकार से मॉनीटरिंग भी करें।

बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट 80 फीसदी से नीचे नहीं रहे : शिक्षा अधिकारियों के अनुसार जिले में सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी में परिणाम 80 फीसदी से नीचे नहीं रहेगा। इस बार 10वीं कक्षा के लिए 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 फीसदी लक्ष्य किया गया है। क्योंकि जिला पिछले वर्ष दूसरे नंबर पर रहा था। ऐसे में इस बार टॉप पर आने की कठिन चुनौती भी रहेगी। वहीं 12वीं कक्षा में जिला तीन साल से टॉप रहा है। इस बार 79 से 90 फीसदी रिजल्ट लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि बेहतर रिजल्ट को लेकर पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में 10वीं व 12वीं के सरकारी स्कूलों की कुल संख्या 175 से ज्यादा है। सरकारी स्कूलों का परिणाम सुधारने पर पूरा फोकस है।

इन दो बिंदुओं पर भी मंथन...

मार्किंग व दूसरे राज्यों के बोर्ड उच्चस्तर पर हुई बैठक में मुख्य तौर पर दो और बिंदुओं पर भी मंथन किया जा रहा है, जिस पर खुद सरकार भी चिंतित है।

पहला सीबीएसई की तुलना में हरियाणा बोर्ड की मार्किंग। सीबीएसई पैटर्न में विद्यार्थियों को प्रश्न आधा सही करने पर भी 1 या आधा अंक दे दिए जाते हैं, जबकि हरियाणा बोर्ड में विद्यार्थियों के नंबर उस प्रश्न में जीरो कर दिए जाते हैं। इसमें सुधार की कवायद होगी।

दूसरा दूसरे राज्यों के बोर्ड परिणाम बेहतर रहते हैं। जबकि शिक्षा का स्तर हरियाणा बोर्ड का भी उसी अनुरूप या बेहतर आंका जा सकता है। इसलिए दूसरे स्टेट के बोर्ड परिणाम का भी अवलोकन किया जा सकता है। इस पर उच्चस्तर से ही मंथन किया जा रहा है।

इधर, प्री-बोर्ड परीक्षाओं का शेड्यूल जारी

फीडबैक स्कूलों से लिए जाएंगे : बीईओ डॉ. खुशीराम यादव के अनुसार इसमें खास बात यह भी रहेगी कि प्रिंसिपल या स्कूल हैड को फीडबैक भी लेनी होगी। जिसमें यह भी देखा जाएगा कि शिक्षक बोर्ड पैटर्न को लेकर जागरूक है या नहीं। शिक्षा अधिकारी भी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और शिक्षकों व प्रिंसिपल से भी फीडबैक लेंगे।

प्रिंसिपल व सीआरसी हेड को बैठक में दिए दिशा-निर्देश

टॉपर आने के लिए प्रिंसिपल व सीआरसी हैड की बैठक लेकर उनको बोर्ड के महत्वपूर्ण टिप्स भी साझा किए। साथ ही बेहतर रिजल्ट के लिए परीक्षा से पहले लगातार स्कूलों की मॉनीटरिंग की जाएगी और जो कमजोर बच्चे हैं उन पर खास फोकस करने के भी निर्देश दिए हैं। - मुकेश यादव, कार्यवाहक डीईओ, रेवाड़ी।



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