
जींद.1967 में जब चुनाव होने थे, तब शमशेर सुरजेवाला के पिता गंगा सिंह ने मीटिंग में कहा था कि क्यों इसके पीछे लगे हो। हमें कौन वोट देगा। इस पर शमशेर सुरजेवाला ने अपने पिता से कहा था कि आप गांव वापस चले जाओ। मुझे आपके पैसों की जरूरत नही है। आप चुनाव के बाद आना। उस समय शमशेर सुरजेवाला ने 5500 वोटों से नरवाना से जीते थे।
एक और किस्सा सुनाते हुए उन्होंने बताया कि 1977 में कांग्रेस के 3 एमएलए बने थे। उस समय कांग्रेस दोफाड़ हो गई थी। उस समय बनारसीदास अाैर रणबीर सिंह उनके पास आये थे और कहा था कि तुम्हें जनरल सेक्रेटरी बना देंगे और आकर आफिस संभाल ले, लेकिन शमशेर सुरजेवाला ने उनकी बात नहीं मानी और कहा था कि मैं इंदिरा जी के साथ हूं और हमेशा रहूंगा। उस समय मैं भी हरियाणा भवन में था और यह पूरा वाकया उनके सामने हुआ था।
एक ओर किस्सा याद करते हुए उन्होंने बताया कि 1991 में एक मीटिंग होनी थी। 4 लोग शमशेर के पास आए और बोला कि आप लक्ष्मण को मत लेकर आना। उन्होंने कारण पूछा तो बताया कि कुछ लोग लक्ष्मण को पसंद नही करते हैं। इस पर शमशेर ने हां भर दी। लेकिन शमशेर ने उसे बुलाया और अपने साथ मीटिंग में ले गए। मीटिंग खत्म हो गई और खत्म होते ही मीटिंग में बोले कि 4 लोग आए थे इसे नहीं लाने के लिए। लेकिन मैं दूसरों के कहने पर नहीं चलता।
वह ऐसी सख्सियत रहे कि उन जैसा बेबाक इंसान आज तक नहीं हुआ है। वह आदमी को देखकर ही पहचान लेते थे। एक बार तो उन्होंने मुझे 45 लोगों के नाम की लिस्ट तक दे दी थी, जिन्हें चेयरमैन बनाया जाना था। उन्होंने कहा कि इसमें 7 ऊपर वाले छोड़कर देखना जिन्हें चेयरमैन बनाया जा सकता है।
(जैसा लक्ष्मण देव आर्य ने हमारे संवाददाता रवि हसिजा को बताया)
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