
चंडीगढ़ (मनोज कुमार).प्रदेश में सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार कम होने से अब इन पर ताले लगाने की नौबत आ गई है। विभाग की ओर से अब अगले सत्र से 1026 प्राइमरी स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर ली है। निदेशालय की ओर से इसे लेकर सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांग ली गई है।
गौरतलब है कि बंद होने वालों में सबसे ज्यादा पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के गृहजिले महेंद्रगढ़ के 122 स्कूल हैं। निदेशालय की ओर से कहा गया है कि इन छात्रों को करीबी स्कूलों में समायोजित किया जाना है। ऐसे में जिन स्कूलों में ये समायोजित होंगी, उनकी रिपोर्ट भेजी जाए।
रिपोर्ट में विभाग की ओर से बंद होने वाले स्कूल से दूसरे स्कूल की दूरी के साथ वहां शिक्षकों की संख्या, बच्चों की संख्या आदि सूचना मांगी है। बंद होने वाले वे स्कूल हैं, जहां 25 से कम बच्चे पढ़ रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या के आधार पर ही इन्हें मर्ज करने का फैसला लिया है, ताकि यहां कार्यरत शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में तैनात किया जा सके। विभाग की ओर से जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से 31 जनवरी तक पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।
जानिएकिस जिले के कितने प्राइमरी स्कूल होंगे बंद
जिला | कुल स्कूल |
महेंद्रगढ़ | 122 |
रेवाड़ी | 110 |
यमुनानगर | 104 |
कुरुक्षेत्र | 96 |
भिवानी | 72 |
अम्बाला | 57 |
पंचकूला | 57 |
चरखीदादरी | 56 |
सिरसा | 50 |
झज्जर | 48 |
फतेहाबाद | 38 |
हिसार | 38 |
गुड़गांव | 41 |
करनाल | 31 |
कैथल | 30 |
सोनीपत | 26 |
जींद | 12 |
पलवल | 12 |
पानीपत | 9 |
फरीदाबाद | 8 |
रोहतक | 7 |
नूंह | 2 |
34 स्कूलों में एक भी शिक्षक तैनात नहीं
जिन स्कूलों को बंद किए जाने की तैयारी है, उनमें 34 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक भी शिक्षक नहीं है। इनमें अम्बाला में दो, फतेहाबाद में एक, गुड़गांव में 4, करनाल में एक, महेंद्रगढ़ में 14, पंचकूला में तीन, रेवाड़ी में 2, रोहतक में एक, यमुनानगर में 5 स्कूल शामिल हैं।
79 स्कूलों में 5 या इससे कम बच्चे पढ़ रहे हैं
प्रदेश के 79 स्कूलों में पांच या इससे कम बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें भिवानी में 9, चरखी दादरी में 7, फरीदाबाद, जींद, पलवल, पंचकूला, में एक-एक, गुड़गांव, हिसार, सोनीपत, झज्जर, कैथल में 3-3, करनाल में 4, कुरुक्षेत्र में 10, महेंद्रगढ़ में 16,, रेवाड़ी में 6, सिरसा व यमुनानगर में 4-4 स्कूल शामिल हैं।
शिक्षकों की वजह से नहीं घटी संख्या, सरकार करे प्रयास: प्रदेशाध्यक्ष
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष तरुण सुहाग बच्चों की संख्या कम होने में शिक्षकों की कमी नहीं मानते हैं। वे सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बयान दे रहे हैं कि प्राइवेट स्कूल की ओर से सरकारी स्कूल को गोद लिया जाए। जबकि इसके उलट होना चाहिए। बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी सरकार की है। उनका कहना है कि शिक्षकों को इतने गैर शैक्षणिक कार्य दे दिए जाते हैं कि वे पढ़ाई का पूरा काम तो नहीं करा पा रहे। बच्चों की संख्या कम होने की बड़ी वजह सरकार की कमी है।
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