
चिल्ली को झील बनाने के लिए तीन बार बजट आ चुका है। लेकिन काम सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। अब काफी समय से नगर परिषद की ओर से चिल्ली की जगह से पानी निकासी के लिए 8 करोड़ 42 लाख की राशि दी हुई है। लेकिन लंबे समय बाद भी इस पर काम शुरू नहीं हो पाया।
इस बीच कुछ दिन पहले डीसी ने इस प्रोजेक्ट को लेकर तीन विभागों के अधिकारियों की कमेटी बना दी। जिसके बाद संबंधित विभाग को उसके हिसाब से काम देने का निर्णय लिया गया है। जहां जनस्वास्थ्य विभाग चिल्ली में आने वाले शहर के बरसाती व गंदे पानी की निकासी का प्रबंध करेगा। वहीं सिंचाई विभाग को चिल्ली को झील का रूप देने के लिए दीवार व अन्य काम की जिम्मेदारी दी गई है। नगर परिषद प्रशासन उनकी मदद करेगा।
शहर के विकास से जुड़े 2 काम


फतेहाबाद। चिल्ली का एरिया जिस पर 3 विभाग मिलकर करेंगे झील का निर्माण।
सिंचाई विभाग को एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए
डीसी रवि प्रकाश गुप्ता ने सिंचाई विभाग को चिल्ली को झील बनाने को लेकर काम शुरू करने को कहा है। वहीं इसे लेकर एस्टीमेट बनाकर नगर परिषद को सौंपने के निर्देश दिए हैं। एस्टीमेट बनने के बाद इस पर काम शुरू होने की पूरी उम्मीद है। हालांकि उससे पहले नगर परिषद को पानी निकासी का प्रबंध करना है।
कांग्रेेस व भाजपा सरकार में दो बार हो चुकी घोषणा
1. हुड्डा ने 2013 में किया था शिलान्यास : जवाहर चौक स्थित चिल्ली को झील बनाने का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया था। यह शिलान्यास 20 मई 2013 को पूर्व विधायक प्रहलाद सिंह की ओर से आयोजित जनसभा में किया गया था। उस समय करीब 5 करोड़ रुपये खर्च की घोषणा की थी।
फतेहाबाद। जवाहर चौक की सड़क, जहां मास्टिक एस्फाल्ट लेयर सड़क बनाई जाएगी।
2. 2015 में सीएम खट्टर ने की 5 करोड़ की घोषणा : सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 31 मई 2015 को टोहाना में एक जनसभा के दौरान फतेहाबाद की चिल्ली झील के प्रोजेक्ट के लिए पांच करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा भी की थी। उस वक्त उन्होंने यह भी कहा था कि इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करवाएंगे।
फरवरी के पहले सप्ताह में जवाहर चौक से बननी शुरू होंगी मास्टिक एस्फाल्ट सड़कें
फतेहाबाद शहर की मुख्य सड़कों को मास्टिक एस्फाल्ट तकनीक से बनाने का काम फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगा। इसे लेकर नगर परिषद की ओर से ठेकेदार को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया गया है। इस तकनीक की सड़कें फतेहाबाद में पहली बार बनेगी। यह तकनीक बड़े-बड़े शहरों में इस्तेमाल की जाती है। इसकी लाइफ भी अच्छी होती है और गड्ढे भी नहीं बनते हैं। इन पर करीब 1 करोड़ 76 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। एक बार सड़क बनने के बाद 15 सालों तक इसकी रिपेयरिंग की भी जरूरत नहीं है। ऐसे में बार-बार सड़क टूटने का डर भी नहीं रहेगा और नगर परिषद को घाटा भी नहीं लगेगा।
वर्ष 2004 में शहर में बनी थीं सीसी सड़कें
फतेहाबाद शहर में 2004 में शहर के बीचों-बीच सीसी सड़कें बनाई गई थी। अब इन सड़कों पर जगह जगह गड्ढे बन गए हैं। अब इन सड़कों को कंकरीट की बजाए नई तकनीक से बनाया जाएगा। इनकी बार-बार मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पुल के ऊपर बनाई जाती है मास्टिक एस्फाल्ट लेयर सड़क
मास्टिक एस्फाल्ट लेयर का प्रयोग अक्सर पुल के ऊपर जो सड़क बनाई जाती हैं उस पर किया जाता है। इस लेयर में छोटे-छोटे दाने होते है। जो इस सड़क को टूटने नहीं देते। वहीं इसकी लेयर अन्य सड़कों की अपेक्षा भी मोटी होती है। यहीं कारण है नप बार-बार सड़क बनाने की बजाए एक बार ही अच्छी तकनीक से इन सड़कों को बनाने जा रहा है। मास्टिक एस्फाल्ट लेयर की सड़क बनाने में स्टोन चिप्स, प्लास्टिक, क्रशर, गद्देदार परत सहित अन्य सामान का प्रयोग होता है। इससे सड़क टूटने का झंझट नहीं रहता।
3 फरवरी से बनेगी सड़कें, वर्क ऑर्डर जारी


शहर में इन सड़कों का होगा निर्माण














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