
मेले में सभी जिलों से किसानों को आमंत्रित किया गया है वहीं दक्षिण हरियाणा के जिलों के लिए परिवहन सुविधा की भी व्यवस्था की गई है। मेले में कृषि विश्वविद्यालय के अलावा नई दिल्ली स्थित पूसा संस्था के विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिक भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त आधुनिक कृषि संयंत्रों की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डॉ. विक्रमसिंह यादव ने बताया कि मेले में मुख्यत: दक्षिणी एवं पश्चिमी जिलों के किसानों को बुलाया गया है क्योंकि यहां की खेती रेवाड़ी से मेल खाती है। उन्होंने बताया कि 29 जनवरी को केंद्र अपनी स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है जिसके उपलक्ष्य में इस राज्य स्तरीय मेले का आयोजन किया जा रहा है।
मेले में आने वाले सभी किसान अपने खेत की मिट्टी-पानी की जांच निशुल्क करा सकते हैं। उन्होंने इसके अतिरिक्त मेले में हरियाणा ही नहीं अपितु देशभर की कंपनियों की तरफ से स्टॉल लगाई जा रही है जिसके माध्यम से खेती में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों की जानकारी के साथ सरकार की मदद से उनको उपलब्ध कराने की जानकारी दी जाएगी। साथ ही ग्रीष्मकालीन सब्जियों के उन्नत किस्मों की भी प्रदर्शनी लगाने के साथ उनके बीज भी मेले में सरकारी दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त फसल प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा जिसमें खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों से भी मिलने का अवसर मिलेगा। साथ ही महिलाओं द्वारा निर्मित वस्तुओं की भी प्रदर्शनी के साथ किसानों को एक ही मंच पर संर्पूण जानकारी दी जाएगी। निदेशक ने बताया कि कार्यक्रम में विवि के वीसी प्रो.केपी सिंह मुख्य अतिथि होंगे।
विक्रम सिंह, डायरेक्टर केवीके बावल।
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