जगमग याेजना के तहत पंचकूला के साथ-साथ अम्बाला के गांवाें में भी 24 घंटे बिजली मिल रही है। इनमें कैंट के 166 अाैर सिटी के 107 गांव शामिल हैं, जिन्हें अगस्त 2017 के बाद से 24 घंटे बिजली मिल रही है। प्रदेश के बात करें ताे अम्बाला-पंचकूला 24 घंटे बिजली देने में सबसे आगे है। निगम की बेहतरीन सुविधा के लिए जिले की 150 पंचायताें ने निगम सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आरके खन्ना काे प्रस्ताव भेजकर आभार जताया है।
दरअसल, निगम ने 2017 में गांवाें में 24 घंटे बिजली देने की शुरुआत की थी। इसके बाद से सभी गांवाें में घर से बाहर मीटर निकाले गए अाैर सभी गांवाें में 24 घंटे बिजली मिलनी शुरू हुई। इससे पहले गांवाें में सिर्फ 8 घंटे ही बिजली मिल रही थी।
कैंट के 166 अाैर सिटी के 107 गांव: जिले में 9 सब-डिविजन हैं। इनमें बब्याल डिविजन के 40, बराड़ा के 57, केसरी के 40 अाैर नंबर वन के 29 गांव शामिल हैं। इसी तरह सिटी में चाैड़मस्तपुर सब-डिविजन के 73, ईस्ट के 20, वेस्ट के 9 अाैर माॅडल टाउन के 5 गांव शामिल हैं।
लाइनलाॅस काे कम करने के लिए चलाएंगे अभियान
आरके खन्ना ने बताया कि पहले से लाइनलाॅस काफी कम किए गए हैं। जिन सब-डिविजन में अभी भी लाइनलाॅस ज्यादा है, वहां चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। गांवाें में बिजली वायर काे भी चेक करेंगे। जहां कहीं भी खुले में वायर है, उसे कवर किया जाएगा, ताकि बिजली चाेरी न हाे।
150 गांवाें ने प्रस्ताव भेज निगम का जताया आभार
जिले में 273 गांवाें में जगमग याेजना के तहत 24 घंटे बिजली मिल रही है। निगम का 150 गांवाें ने प्रस्ताव पास कर अाभार जताया है। प्रदेश में अम्बाला-पंचकूला के साथ गांव में 24 घंटे बिजली देने में सबसे अागे है।
अारके खन्ना, एसई, बिजली निगम अम्बाला सर्कल।
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