नई दिल्ली .दिल्ली जहां सुलग रही है वहीं राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगान में जुटे हैं। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा- सत्ता में असंवेदनशील, अदूरदर्शी नेताओं की कीमत जनता को चुकानी पड़ रही है। हमने कहा था कि सीएए विभाजनकारी नीति है। इसे रद्द कर देना चाहिए, लेकिन हमारी यह चेतावनी बहरे कानों तक नहीं पहुंच पाई। नागरिकता कानून 1955 से था। इसमें संशोधन की जरूरत नहीं थी।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। पुलिस ने धरना दे रहे लोगों की सुरक्षा की और उसी पर पथराव किया गया। देश में मेहमान (अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प) आए थे। ऐसे समय देश को बदनाम करने की साजिश रची गई। मामले की जांच होगी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा फैलाने वालाें को बख्शेगी नहीं।
इधर, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने एलजी को लिखा पत्र
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने एलजी को लिखे पत्र में कहा कि हालात बहुत बिगड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि ट्रंप के जाने के बाद हालात और बिगड़ सकते हैं। इसलिए तुरंत पुलिस फोर्स भेजकर कार्रवाई करवाएं। अध्यक्ष ने उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त को भेजे गए नोटिस में पुलिस फोर्स बढ़ाने के अलावा इलाका छोड़कर जाने के इच्छुक लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के इंतजाम किए जाएं।
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