
भारत सरकार की ओर से शुरू की गई सबका विश्वास (विरासत विवाद समाधान) योजना 2019 की मदद से मुकदमेबाजी में फंसे करीब 23 करोड़ रुपए के राजस्व की वसूली करना सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों के लिए मुश्किल हो रहा है। वजह लॉकडाउन पीरियड में कारोबारियों का व्यापार ठप रहा।
30 जून योजना की अंतिम तारीख है ऐसे में सेंट्रल जीएसटी के अधिकारी नौ जिले रोहतक, झज्जर, सिरसा, सोनीपत, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, चरखी दादरी और जींद जिले से योजना में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले कारोबारियों को कॉल करके बकाया राशि भुगतान करने पर जाेर दे रहे हैं।
नौ जिलों से करीब 374 कारोबारियों ने भुगतान करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में अब 23 करोड़ की राशि जो योजना के तहत सरकार के पास जमा होनी थी, वो अटक गई है। सोमवार को जीएसटी के अधिकारी योजना का एक दिन शेष रहने का हवाला देते हुए कारोबारियों को बकाया भुगतान करने के लिए मनाने में जुटे हुए हैं।
टाइम पीरियड बढ़ने के बाद भी नहीं बनी बात
सेंट्रल जीएसटी रोहतक आयुक्तालय के अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 2019 में सबका साथ-सबका विश्वास योजना लांच की गई थी। इस योजना में शामिल होने के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर थी। इसके बाद डिमांड आने पर इसकी समयावधि बढ़ाकर 15 जनवरी कर दी गई। आयुक्तालय के अंतर्गत आने वाले नौ जिलों से 824 करदाता जिन पर 60 करोड़ रुपए की राशि बकाया थी और ऐसे करदाताओं ने कहीं न कहीं केस दाखिल किया हुआ था।
ऐसे करदाताओं की ओर से आवेदन आने के बाद लंबित राशि का भुगतान करने की समयावधि 31 मार्च कर दी गई। 31 मार्च तक 11 करोड़ रुपए बकाया राशि जमा हो गई। समय कम मिलने का हवाला देकर करदाताओं ने टाइम पीरियड बढ़ाने की मांग रखी। सरकार ने कारोबारियों की मांगों को मानते हुए भुगतान करने का समय बढ़ाकर 30 जून 2020 तक कर दिया।
22 मार्च को हुए लॉकडाउन से पहले शेष बचे 49 करोड़ में से 26 करोड़ की राशि व्यापारियों ने जमा करा दी। अब अनलॉक लागू हाेने के बाद कारोबारियों ने 23 करोड़ की लंबित राशि का भुगतान करने में असमर्थता जता दी है।
ऐसे समझें सबका विश्वास 2019 योजना
वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष करों के लंबित विवादों निपटारा करने के लिए सबका विश्वास 2019 योजना की शुरुआत की थी। जिसमें करदाताओं को बकाया राजस्व भुगतान के लिए आसान मौके दिए जा सकें। दरअसल, सामान्य कार्यप्रणाली के तहत इस मुकदमेबाजी को निपटाने में वर्षों लग जाएंगे। इसे देखते हुए वित्त मंत्रालय ने 1 सितंबर 2019 को सबका विश्वास (विरासत विवाद समाधान) योजना 2019 लागू की।
इसका लक्ष्य केंद्रीय उत्पाद शुल्क एवं सेवाकर निर्धारित को अटके हुए विवादों को निपटाने का मौका देना है। वादियों के लिए बकाया राजस्व निपटान का यह बेहतरीन अवसर हाेने का दावा किया गया। इस योजना में यह छूट मुख्य कर देय राशि पर करीब 70 फीसदी तक है। इसके अतिरिक्त शास्ति, ब्याज और मुकदमेबाजी से भी पूरी रियायत मिलती है।
लॉकडाउन से भुगतान अटका
विजय मोहन जैन, आयुक्त, सेंट्रल जीएसटी आयुक्तालय, रोहतक ने कहा कि सबका विश्वास योजना जब शुरू हुई तो बड़ी संख्या में कारोबारियों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया। लेकिन मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में हुए लॉक डाउन से व्यापार ठप रहा। इसकी वजह से अब कारोबारी बकाया भुगतान करने में थोड़ा असहज महसूस कर रहे हैं।
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