
शहर की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु लगातार लोगों की मौत का कारण बन रहे हैं। बेसहारा पशुओं के कारण करीब तीन लोगों की मौत और दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। इतने हादसे होने के बाद भी नगर परिषद इन्हें नंदीशाला में नहीं रोक पा रहा है। पिछले महीने नगर परिषद ने बेसहारा पशु पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया था लेकिन यह अभियान सिर्फ कागजी ही निकला जो दो दिन में ही दम तोड़ गया।
अब बेसहारा पशु खेतों में जाते हैं तो किसान और मच्छर तंग करते हैं। ऐसे में बेसहारा पशुओं ने शहर की सड़कों को ही अपना घर बना लिया है। जो रात के समय कभी भी सड़क हादसों का कारण बन सकते हैं। जिला प्रशासन ने 2017 में शहर के अंदर नंदीशाला को शुरू करवाया था। इस दौरान नगर परिषद व पशु पालन विभाग ने मिलकर करीब 700 बेसहारा पशु सड़कों से पकड़ कर नंदीशाला में रोके थे। लेकिन कुछ ही दिन बाद सड़कों पर आ गए।
मच्छरों से बचने के कारण सड़कों पर बैठते हैं बेसहारा पशु, अंधेरे में नहीं आते नजर
मौसम में नमी आने के कारण मच्छर मक्खियों की संख्या बढ़ी हुई है। खेतों में फसलों के आस पास यह ज्यादा मिलते हैं। ऐसे में मच्छर मक्खियों से बचने के लिए बेसहारा पशु खेतों से बाहर निकल सड़कों पर आकर बैठ जाते हैं। क्याेंकि सड़कों पर बैठने से वहां आने जाने वाले वाहनों की तेज हवा पशुओं को लगती रहती है। ऐसे में गर्मी भी ज्यादा नहीं लगती और मच्छर मक्खियों से भी छुटकारा मिल जाता है। मगर सड़क पर रात के समय दिखाई नहीं देता और सड़क हादसों का डर बना रहता है। कई बार तो बेसहारा पशुओं का झुंड सड़क के बीच ही लड़ने लग जाता है।
नगर परिषद शहर को नहीं बना पाया कैटल फ्री
शहर की सड़कों पर बेसहारा पशुओं के घूमने कारण अक्सर जाम जैसे हालात बने रहते हैं। वहीं पशुओं के कारण काफी सड़क हादसे भी हो चुके हैं। ऐसे में नगर परिषद ने पिछले महीने 10 सितंबर से शहर में कैटल फ्री अभियान चलाया था। इस दौरान नप ने कुछ टीमें भी बनाई थी जो रात के समय ही इन पशुओं को पकड़ कर अग्रसेन धर्मशाला के सामने बनी नंदीशाला में ले जाकर रोकते थे। दो दिन बाद ही यह अभियान दम तोड़ गया। नगर परिषद सिर्फ 20 से 25 पशु ही नंदीशाला में रोक पाया था। नगर परिषद का अभियान सिर्फ लीपापोती ही साबित हुआ। ऐसे में यह लापरवाही किसी की भी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है।
नंदीशाला में बनी पुरानी बिल्डिंग टूटते ही चलाएंगे अभियान
नंदीशाला मार्केट कमेटी की पुरानी बिल्डिंग में चल रही है। इस बिल्डिंग को कंडम घोषित किया हुआ था। अब इस बिल्डिंग को तोड़ने का काम चल रहा है। इसलिए बीच में ही बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान बंद करना पड़ा। जैसे ही बिल्डिंग टूट जाएगी हम दौबारा से अभियान शुरू कर सभी पशुओं को नंदीशाला में रोक देंगे।'' -प्रशांत पराशर, सचिव, नगर परिषद।
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