
कृषि बिलों को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने बिजली मंत्री रणजीत सिंह की कोठी का घेराव करने का फैसला लेकर प्रदर्शन किया तो उन्हें भारी पुलिस बल तैनात कर बाबा भूमण शाह चौक पर ही बेरिकेडिंग करके रोक लिया गया। एसडीएम की उपस्थिति में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। गुस्साए किसानों ने रोड पर ही धरना दे दिया और सड़क जाम कर दी।
इससे ट्रेफिक व्यवस्था बिगड़ी तो पुलिस ने रूट डायवर्ट करके व्यवस्था संभाली। करीब 2 घंटा धरना देने के बाद किसान शहीद भगत सिंह स्टेडियम पहुंच गए और दूसरे गुट के किसानों के साथ मिलकर आगे धरने का फैसला लिया।कृषि बिलों को लेकर किसानों ने शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह की कोठी का घेराव करने का ऐलान किया था। इस पर जिला प्रशासन ने शुक्रवार सुबह ही डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह की कोठी पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी और आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया।
इतना ही नहीं गलियों के नुक्कड़ और भूमण शाह चौक पर बैरिकेड लगाकर रास्ते सील कर दिए गए। किसानों के पहुंचने से पहले ही एसडीएम जयवीर यादव मौके पर पहुंच गए। लघु सचिवालय में धरने पर बैठे किसान सवा 2 बजे प्रदर्शन करते हुए निकले। लेकिन उन्हें भूमणशाह चौक पर ही रोक दिया गया। यहां भारी पुलिस बल तैनात था। ऐसे में गुस्साए किसानों ने चौक पर ही धरना दे दिया और सड़क जाम कर दी।
17 किसान संगठनों के बैनर तले राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन जारी
केंद्र सरकार की ओर से पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिए जा रहे धरने से किसानों के हुए दो धड़े शुक्रवार को एक बार फिर एक मंच पर आ गए। श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दोनों धड़ों को एक मंच लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब किसान पक्का मोर्चा धरनास्थल पर ही इस लड़ाई को एक साथ मिलकर लड़ेंगे। धरने के लिए 6 जिलों के किसान नेताओं की एक प्रबंधक कमेटी बनाई गई है, जोकि सारा सिस्टम संभालेगी। हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए तीन काले कानूनों के विरोध में उन्होंने प्रदेश के 17 किसान संगठनों के बैनर तले राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन चलाया हुआ है।
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