लोगों में किसी भी रोग से ग्रस्त होने के कारणों की जांच के लिए आयुष विभाग लोगों की प्रकृति का डाटा तैयार करेगा। प्रकृति का डाटा 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक महिला व पुरुष का तैयार किया जाएगा। डॉक्टरों की टीम प्रत्येक घर में जाकर परिवार के सदस्यों की संख्या, शरीर की बनावट, व्यवहार, खान-पान, दिनचर्या आदि की जानकारी एकत्र करेगी। विभाग के पास व्यक्ति की प्रकृति का डाटा होने से वर्तमान व भविष्य में होने वाले रोगों के बारे में पहले से ही जानकारी मिल जाएगी।
डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव होने वाली बीमारियों का एक मुख्य कारण लोगों का रहन-सहन और खान-पान भी है। आयुष विभाग मनुष्य के इन दोषों से ही उनमें होने वाले रोगों की पहचान करेगा। इसके लिए आयुष चिकित्सक शहर और गांवों में 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति की प्रकृति का डाटा तैयार करेगा।
मनुष्य में रोग होने के कारणों की पहचान करने के लिए विभाग द्वारा उनकी प्रकृति का सर्वे किया जाएगा। इसमें 18 वर्ष से अधिक आयु के महिला व पुरूष की संपूर्ण दिनचर्या का डाटा एकत्रित किया जाएगा। सर्वे का कार्य करने के लिए जल्दी ही कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। डॉ. विनोद, आयुष चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल, गोहाना।
हेल्थ वैलनेस सेंटर से शुरू होगा अभियान
अभियान आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटरों से शुरू किया जाएगा। सोनीपत में 27 हेल्थ वैलनेस सेंटर हैं। सेंटर पर नियुक्ति सीएचओ को प्रशिक्षित कर डाटा तैयार किया जाएगा
आयुर्वेदिक तरीके से किया जाएगा उपचार
आयुषि चिकित्सकों का कहना है कि मनुष्य की प्रकृति का डाटा तैयार होने पर उ रोगों का उपचार आयुर्वेदिक पद्धति द्वारा किया जाएगा। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए ही मुख्यालय द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की प्रकृति का डाटा तैयार करवाया जा रहा है।
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