लंबे समय से पानी की राशनिंग झेल रहे आधे शहर के लोगों की समस्या दूर होने की उम्मीद जगी है। जनस्वास्थ्य विभाग ने जींद रोड पर स्थित पुराने जलघर के वाटर टैंक साफ कराने का फैसला किया है। करीब साढ़े चार करोड़ रुपए खर्च कर वाटर टैंकों के अलावा फिल्टर और चैंबर साफ कराए जाएंगे। काम पूरा होने के बाद पानी की राशनिंग होनी बंद हो जाएगी।
पुराने और मुख्य जलघर के चारों वाटर टैंकों की करीब 15 साल पहले सफाई कराई गई थी। लंबे समय तक सफाई न होने के कारण टैंकों में मिट्टी जम गई है, जिसके चलते टैंकों में पूरा पानी नहीं भरा जा रहा। टैंकों में पानी कम भरे जाने से विभाग करीब हर महीने पानी की राशनिंग शुरू कर देता है। लोगों को एक दिन और कई बार दो दिन छोड़कर पानी मिलता है।
गर्मी के मौसम में यह परेशानी बहुत अधिक आती है। हालात को देखते हुए विभाग ने जलघर के चारों वाटर टैंक साफ कराने का फैसला किया है। पेयजल आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए विभाग सभी टैंकों को एक साथ साथ नहीं कराएगा। बारी-बारी से टैंक साफ कराए जाएंगे। टैंकों के साथ फिल्टर और चैंबर भी साफ कराने की योजना है। विभाग ने इसके लिए साढ़े चार करोड़ रुपए का एस्टिमेट बनाया है। इस राशि से सुधारीकरण के लिए कुछ और काम भी कराए जाएंगे।
शहर की पानी की रोजाना लागत 13.5 मिलियन लीटर प्रतिदिन है। लालपुरा रोड पर बने नए जलघर के वाटर टैंक में 392 मिलियन लीटर पानी स्टोर होता है। वहीं, पुराने जलघर के चार वाटर टैंकों में 250 मिलियन लीटर पर पानी स्टोर होता है। पूरे शहर में दोनों जलघरों से पानी की सप्लाई की जाती है। मगर पुराने जलघर से जुड़े इलाकों को हर महीने पानी की राशनिंग झेलनी पड़ रही है। इनदिनों भी इन इलाकों में रोजाना पानी की सप्लाई नहीं हो रही। वाटर टैंकों में पानी कम होने के कारण विभाग एक दिन छोड़कर पानी दे रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2HwJ308