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Friday, 16 October 2020

बाजरे की पैदावार वेरीफाई करने गांवों में पहुंची टीम, दूसरे राज्यों का स्टॉक होने की शिकायतें

पुलिस डाल-डाल तो चोर पात-पात। यह कहावत नांगल चौधरी मंडी में बाजरे की खरीद पर सटीक साबित हो रही है, क्योंकि यहां सौदागरों ने किसानों के पीछे चेहरा छुपा लिया। इस हेराफेरी में किसानों को कमीशन और सौदागरों को मुनाफे का स्वार्थ होने की चर्चाएं है। ऐसे में जिला प्रशासन के लिए धांधली पर अंकुश लगा पाना मुश्किल हो गया है। इसलिए अधिकारियों को गांवों में जाकर किसानों की पैदावार को वैरीफाई करने के निर्देश मिले हैं।

बता दें कि खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म यानी ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के जरिए ही एमएसपी पर फसल खरीद रही है। इसके लिए किसानों को उगाई गई विभिन्न फसलों का विवरण दर्ज कराना होता है। पंजीकरण के दौरान पोर्टल पर बैंक अकाउंट, फर्द, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर अपलोड करने की हिदायत है।

सरकार का मकसद है कि फसल बिक्री के लिए विभाग द्वारा टोकन रिलीज किया जाता है, जिसकी सूचना किसान को पंजीकृत मोबाइल पर मिलेगी। फसल बिकने के बाद पैसों का भुगतान सीधे किसान के बैंक अकाउंट में होगा, जिससे सौदागरों की धांधली तथा दूसरे राज्यों का माल बिकने पर प्रतिबंध लग जाएगा। लेकिन चालाक सौदागरों ने विभाग की ऑनलाइन प्रक्रिया को चकमा देने का रास्ता निकाल लिया है।

सूत्रों की मानें तो सौदागरों ने किसानों से संपर्क करके उनके टोकन हड़पने शुरू कर दिए हैं। खाने और पशुओं की पूर्ति होने के बाद एक किसान 10-15 क्विंटल बाजरा बेचेगा, जबकि उसके टोकन की लिमिट 35-40 क्विंटल की होती है। बची हुई लिमिट पर कमीशन में लालच में गड़बड़ झाला होने के आरोप हैं। बताया जा रहा है कि बाजरे की पूर्ति करने के लिए मई-जून में यूपी का बाजरा स्टॉक कर लिया गया, जिसमें नमी होने की वजह से सुरखी, इल्ली व कीड़े पड़ गए। शिकायत मिलने पर जिला उपायुक्त ने मंडी का दौरा किया, पुष्टि होने पर उन्होंने अधिकारियों को गांवों में जाकर पैदावार तस्दीक करने के निर्देश दिए हैं। संदिग्ध ढेरी को वैरीफाई करने के लिए अधिकारियों ने नांगल सोडा, शहबाजपुर, ढाणी त्रियाला, मेघोत में प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। उन्होंने किसान के घर बचे हुए बाजरे का मिलान ढेरी के सैंपल से किया। टोटल पैदावार पूछने के बाद कड़बी (पशुचारा) देखकर संतुष्टि करते हैं। इस दौरान अधिकारियों को गांव में यूपी व राजस्थान का बाजरा स्टॉक होने की शिकायतें मिल रही है, जिसे मंडी में बेचने के प्रयास बताए जा रहे हैं।

पुराना बाजरा खपाने का प्रयास

कृषि विभाग के उप-निदेशक डॉ. जसविंद्र सैनी ने बताया कि जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार नांगल सोडा में एक किसान की पैदावार को वैरीफाई किया था, संतुष्टि के बाद उसे क्लीन चिट दे दी। मगर ग्रामीणों ने गांवों में यूपी और राजस्थान का बाजरा स्टॉक होने की सूचना दी है। यह पुराना और खराब बाजरा मंडी में बिकने के आसार बता रहे हैं।

सुरसी मिलने पर 13 ढेरियों को रिजेक्ट करके मंडी से बाहर कराया

मंडी के परचेजर कमलसिंह ने बताया कि खरीद में पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। ढेरी में सुरसी आने पर किसान को सफाई का एक मौका देते हैं। इसके बावजूद सफाई नहीं होने पर करीब 13 ढेरियों को रिजेक्ट किया गया है, जिन्हें मार्केट कमेटी की मार्फत मंडी से बाहर करवा दिया। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सख्ती के बाद बाजरे की क्वालिटी में सुधार आया है।



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नांगल चाैधरी में बाजरा लेकर वेयर हाउस पहुंचा ट्रक ।


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