
(रत्न पंवार) नीट की परीक्षा में बच्चों के पास होने के बाद अब काेरोना काल में अभिभावकों को उनके दाखिले की चिंता सताने लगी है। अभी तक प्रदेश में एमबीबीएस व बीडीएस की फीस का निर्धारण नहीं किया गया है। जबकि पंजाब सरकार इस बारे में एक महीना पहले ही नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। इनकी फीस हरियाणा की फीस के मुकाबले में काफी कम है।
पंजाब कोटा में प्राइवेट कॉलेज का साढ़े तीन लाख रुपए तय की गई है। प्राइवेट कॉलेजों की फीस को लेकर अभिभावक ज्यादा परेशान हैं। चूंकि वहां पर 50 फीसदी स्टेट कोटा के बाद प्राइवेट कॉलेज की मैनेजमेंट की फीस अलग रहती है और दाखिला व हॉस्टल की फीस अलग। ऐसे में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि ये फीस पिछले वर्ष की तर्ज पर ही रहेंगी या इस बार कोरोना के कारण कुछ छूट मिल पाएगी।
काेराेना में कमजाेर हुई आर्थिक स्थिति, फीस में छूट चाहते हैं अभिभावक
पिछली बार एनसी कॉलेज पानीपत और आदेश मेडिकल कॉलेज अंबाला की 10-10 लाख रुपए फीस तय की गई थी। जोकि हर साल 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ मान्य होगी। इसमें दाे लाख रुपए सिक्योरिटी फीस अलग से हैं। हॉस्टल व मैस के चार्ज अलग थी। वहीं एसजीटी कॉलेज बुढेड़ा की ट्यूशन फीस 18 लाख रुपए तय की गई थी। ऐसे में अभिभावकों को चिंता सता रही है कि कहीं पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी लाखों रुपए फीस का बोझ उनपर डाल दिया गया तो वे दाखिला करवाने से वंचित ना रह जाएं। कोरोना काल में नौकरी छूटने और कमाई के साधन कम होने के चलते अभिभावक असमंजस में हैं।
फिलहाल होना यह चाहिए था
केंद्रीय मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को रद्द करके इसकी जगह पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) काे गठित किया गया है। इसके बाद से देश में मेडिकल शिक्षा और मेडिकल सेवाओं से संबंधित सभी नीतियां बनाने की कमान इस कमीशन के हाथ में है। इस एक्ट के सेक्शन 10 के पार्ट -1 के सब सेक्शन आई के तहत फीस को निर्धारित करने के लिए प्रावधान किया गया है। वहीं एनएमसी ने इसे लेकर संस्थानों को छूट दे दी हैं। अभी नीट की परीक्षा का परिणाम भी जारी हो चुका है। फीस का निर्धारण अभी तक नहीं हो पाया है और एक सप्ताह के अंदर विवि में काउंसिलिंग की भी तैयारियां शुरू हो जाएंगी। वहीं पंजाब सरकार की ओर से इस फीस का निर्धारण किया जा चुका है। इसके लिए एक महीना पहले ही नोटिफिकेशन किया जा चुका है।
एक्सपर्ट व्यू
पीजीआईएमएस के सीनियर रिटायर्ड प्रोफेसर एवं जनस्वास्थ्य अभियान हरियाणा के कोर ग्रुप सदस्य डॉ. आरएस दहिया कहते हैं कि हरियाणा सरकार को जल्द ही इस बारे में फीस का निर्धारण कर नोटिफिकेशन जारी कर देना चाहिए। इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए। जबकि यह निर्धारण तो परीक्षा से पहले हो जाना चाहिए था।
ज्यादा फीस से नहीं हो पाया था दाखिल
सुभाष नगर की ज्योति बताती हैं कि उनकी बेटी ने पिछले वर्ष नीट की परीक्षा में 720 में से 480 अंक लिए। लेकिन प्राइवेट कॉलेज की लाखों रुपए फीस होने के चलते उसका दाखिला नहीं दिला सके। अब बीएससी केमेस्ट्री ऑनर्स की पढ़ाई कर रही हैं। डॉक्टर बनने का सपना अधूरा ही रह गया।
नए सत्र 2020-21 की एमबीबीएस फीस को लेकर लगातार बैठकें की जा रही हैं। इसी सप्ताह में सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किए जाने की संभावना है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यूनिवर्सिटी की ओर से काउंसिलिंग संबंधी शेड्यूल जारी कर दिए जाएंगे। - डॉ. ओपी कालरा, कुलपति, हेल्थ यूनिवर्सिटी, रोहतक।
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