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Wednesday, 21 October 2020

पराली जलाने पर जुर्माना वसूलने मिलकपुर गए दो कर्मचारियों को किसानों ने छह घंटे बनाया बंधक

पराली जलाने पर जुर्माना वसूलने मिलकपुर गए दो कर्मचारियों को किसानों ने बंधक बना लिया। कर्मचारियों को छह घंटे से अधिक समय तक स्कूल में बंधक रखा गया। जानकारी मिलने पर पूरा प्रशासनिक अमला दल-बल सहित मौके पर पहुंचा। कर्मचारियों को किसानों के चंगुल से निकालने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

मिलकपुर के दो किसानों ने करीब 15 दिन पहले पराली में आग लगा दी थी। सेटेलाइट से सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी गांव में गए और किसानों से जुर्माना वसूल किया। वहीं, किसानों का कहना है कि जुर्माना की रसीद भी नहीं दी गई। बुधवार को पटवारी सोमराज व नरेंद्र मिलकपुर के खेतों में पहुंचे। किसान पप्पू को कहा कि आप लोगों ने धान की पराली को आग लगाई है। इसका जुर्माना भरना होगा। किसान ने मामला रफा-दफा करने की बात कही। आराेप है कि किसान कर्मचारियों को बहाने से अपने घर पर ले आया।

किसान ने इसकी सूचना भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों को दे दी। कुछ देर बाद यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष बिजेंद्र बिल्लू सहित यूनियन के सदस्य गांव में पहुंच गए। कर्मचारियों को प्राइमरी स्कूल के कमरे में बंधक बना लिया। किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उच्च अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग रखी। कर्मचारियों को बंधक बनाने की जानकारी मिलने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। एसडीएम विकास यादव, डीएसपी विनोद शंकर, नायब तहसीलदार अजीत सिंह और एसएचओ उमेद सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए।

चेताया : केस दर्ज किया तो गांव में नहीं घुसने देंगे

एसडीम के आश्वासन के बाद ही किसानों ने करीब छह घंटों से बंधक बनाए गए कर्मचारियों को अधिकारियों के हवाले कर दिया। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने इस मामले में किसी भी किसान या ग्रामीण पर कोई केस दर्ज किया तो भविष्य में फिर उन्हें गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा। सरकार के खिलाफ किसान यूनियन आंदोलन शुरू कर देगी। महिलाओं ने भी किसान यूनियन कि साथ देते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसान नेता प्रदीप ढांडा, रणधीर, सुरेंद्र नंबरदार, लीला, सरपंच वेदप्रकाश व सरपंच वजीर आदि अनेक किसान नेता मौजूद थे।

बोले- पराली का जुर्माना वसूलने के नाम पर पैसे ऐंठने में लगे कर्मचारी

पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों से बातचीत की। किसानों ने आरोप लगाया कि कर्मचारी पराली में आग लगाने के नाम पर किसानों से पैसा वसूली में जुटे हुए हैं। ऐसे कर्मचारियों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। एसडीएम ने आश्वासन दिया कि भविष्य में कोई कर्मचारी किसानों से बिना रसीद के पैसा नहीं वसूल करेगा। अगर कोई कर्मचारी बिना रसीद के पैसे लेकर जाता है तो उसकी शिकायत करें। उस कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों ने कुछ और आरोप भी लगाए।

नायब तहसीलदार पहुंचे तो उनको भी कमरे में बैठने के लिए कहा

पटवारियों को बंधक बनाए जाने की जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार अजित सिंह, कानूनगो सुरेश, पटवारी बिजेंद्र, ईश्वर, रामअवतार, मनोज, अजमेर, अशोक, राकेश व कुलदीप ने मौके पर पहुंचकर किसानों से दोनों पटवारियों को छोड़ने के लिए कहा। जिस पर किसान और भड़क गए तथा नायब तहसीलदार को भी कमरे में बैठने को कहा। दरअसल, नायब तहसीलदार अपने साथ कुछ पटवारियों को साथ लेकर एसडीएम और डीएसपी से पहले पहुंचे थे। उन्होंने किसानों को बंधक पटवारियों को छोड़ने के लिए कहा। जिस पर मामला और गरमा गया।

किसी को बंधक नहीं बनाया : एसडीएम

किसी भी कर्मचारी को बंधक नहीं बनाया गया। बातचीत के लिए ग्रामीणों ने उनको बैठाया था। किसानों की जो समस्याएं थी, वह सरकार तक पहुंचा दी जाएंगी। किसानों ने कुछ कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उनकी जांच करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -विकास यादव, एसडीएम।



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बंधक बनाए गए कर्मचारियों से तल्खी से पेश आते किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेंद्र बिल्लू।


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