
शनिवार को नवरात्र के साथ फेस्टिवल सीजन की शुरुआत हो चुकी है। मंदिरों में नवरात्र के पहले दिन मां के भक्तों की कम ही भीड़ देखने को मिली है। पहले दिन मंदिरों में मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना व घटस्थापना की गई। सुबह शहर के प्रसिद्ध मंदिर जयंती देवी मंदिर, सोमनाथ मंश देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मां के दर्शन किए और इस दौरान मंदिर परिसर में सेनिटाइज की भी व्यवस्था की गई। नवरात्र शुरू होने पर शहर में सभी मंदिरों में पुलिस ने भी पैनी नजर रखी और मंदिरों में गश्त कर जानकारी ली।
जयंती देवी के मंदिर के पुजारी पंडित नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालुओं की कम ही भीड़ रही और जो भी श्रद्धालु मंदिर परिसर में आया वह मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही मंदिर में मां के दर्शन किए गए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से मां के भक्तों तक पूजा अर्चना की वीडियो भेजकर मां के दर्शन करवाए गए। रविवार को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना
की जाएगी।
मां ब्रह्मचारिणी की ऐसे करें पूजा-अर्चना
नौ दुर्गा में ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय व अत्यंत भव्य है। इनके दाहिने हाथ में जप की माला व बाएं हाथ में कमंडल रहता है। साधक यदि भगवती के इस स्वरूप की आराधना करता हैं तो उसमें तप करने की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि होती है। जीवन के कठिन से कठिन संघर्ष में वह विचलित नहीं होता है। भगवती ब्रह्मचारिणी की कृपा से सदैव विजय प्राप्त होती है। मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाएं और घर के सभी सदस्यों को दें। इससे आयु में वृद्धि होती है।
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