
प्रदेश में एमबीबीएस के लिए सालाना 10 लाख रु. का बॉन्ड देना होगा। साढ़े 4 साल के कोर्स के लिए कुल 40 लाख बॉन्ड देना होगा। पहले सालाना 54 हजार रु. फीस थी। फीस के लिए सरकार ने लोन की व्यवस्था का प्रावधान भी किया है। एमबीबीएस में यह प्रावधान चालू शैक्षणिक सत्र से ही लागू कर दिया है। पीजी कोर्स के लिए भी फीस तय की गई है। लेकिन यह अगले सत्र यानी 2021-22 से लागू होगी।
इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह पॉलिसी एनआरआई पर लागू नहीं होगी। सूत्रों का कहना है कि फीस को लेकर किए गए नए प्रावधानों से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज खुश नहीं हैं। बताया गया है कि इस मामले में उनकी सीएम से भी चर्चा हुई थी। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 800 सीटें हैं।
ऐसे समझिए फीस और बाॅन्ड का गणित
एमबीबीएस: दाखिले के वक्त 10 लाख रुपए का बाॅन्ड देना होगा। इसमें 80 हजार रु. फीस होगी। हर साल फीस में 10% की बढ़ोतरी होगी। दूसरे साल भी 10 लाख का बाॅड देना होगा। जिसमें 88 हजार रु. फीस के होंगे। इसी प्रकार अगले 2 साल भी 10-10 लाख का बाॅन्ड देना होगा। इसमें थर्ड-ईयर की फीस 96,800 रु. व लास्ट ईयर की फीस 1,06,480 रु. होगी।
पीजी कोर्स: इस साल फर्स्ट ईयर के लिए 1.25 लाख, सेकंड ईयर के लिए 1.50 लाख व थर्ड-ईयर के लिए 1.75 लाख रु. फीस तय की है।
ऐसे चुकाया जाएगा लोन
नौकरी मिलने पर: जो स्टूडेंटस दाखिला लेगा, उसे सरकार अपनी गारंटी पर हर साल 10 लाख रु. का लोन दिलाएगी। यदि सरकारी नौकरी मिली तो उसका भुगतान सरकार खुद करेगी। यदि वह 7 साल से पहले नौकरी छोड़ता है तो उसी तारीख से आगे का बकाया लोन संबंधित को जमा कराना होगा।
नौकरी नहीं मिलने पर: जिन्हें नौकरी नहीं मिलेगी, उन्हें पैसा खुद किस्तो में जमा कराना होगा। पढ़ाई के बाद एक साल बाद तक लोन चुकाने से छूट रहेगी। इसके बाद 7 साल में पैसा चुकाना होगा।
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