
लघु सचिवालय स्थित एसपी आॉफिस में जेठ और जठानी की शिकायत करने दो बच्चों के साथ पहुंची घरौंडा के फरीदपुर गांव की विधवा बाली देवी ने जहरीला पदार्थ खा लिया। वहां तबीयत खराब होने पर महिला ने जहर खाने की जानकारी दी। इससे एसपी ऑफिस में हड़कंप मच गया। पुलिस ने उसको नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया। जहां महिला की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
महिला के मायके से मां और परिजनों ने महिला के जेठ जेठानी पर लड़ाई झगड़ा करने का आरोप लगाया। महिला के बैग से निकाल कर बच्चों ने एक दो पेज का नोट पुलिस को दिया, लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। महिला पुलिस कर्मचारी ने इस नोट को पढ़कर सिविल लाइन थाना के अधिकारियों को इसके बारे में सूचना दी। फरीदपुर निवासी महिला देवी के पति सत्यवान की तीन साल पहले मौत हो गई है।
वह अपने दो बच्चों को साथ अलग मकान में रहती है। काछवा गांव निवासी महिला की मां माया देवी ने बताया कि पांच मरले के मकान में अलग रहती है। जेठ-जेठानी उस मकान में हिस्सा लेने के लिए लड़ते हैं। जबकि जमाई की मौत के बाद सभी ने बोला था कि इस मकान में कोई हिस्सा नहीं लेगा। रोजाना की लड़ाई से परेशान होकर बेटी दो बार घरौंडा थाना में शिकायत दी चुकी है। जहां समझौता कराया गया। माया देवी ने बताया कि बेटी विधवा पेंशन से ही परिवार का पालन पोषण करती है। वह जमीन को बेचना चाहती तो जेठ जेठानी लड़ने लगते हैं। ससुराल से तंग आकर ही बेटी मायके में प्लॉट लेकर यहां पर रहना चाहती है।
इसी विवाद की शिकायत करने सोमवार को सुबह साढ़े बजे बाली देवी 10 साल के बेटे शुभम और बेटी 7 साल की बेटी सानिया के साथ एसपी ऑफिस पहुंची। लिफ्ट से एसपी ऑफिस के बाहर पहुंची तो उसकी तबीयत बिगड़ गई। मौके पर पहुंचे सिपाहियों को उसने जहर खाने की बात बताई तो पुलिस जिप्सी में महिला को अस्पताल पहुंचाया। बच्चों ने बताया कि मां ने कीड़े मारने वाली दवा खाया है। मां के साथ ताऊ व ताई रोजाना झगड़ा करते हैं। इसकी शिकायत करने एसपी ऑफिस पहुंचे थे। अस्पताल में सिविल लाइन थाना के प्रभारी विजय कुमार व सिपाहियों ने बच्चों के साथ बैग की तलाशी ली। इसमें नमकीन समेत डॉक्यूमेंट्स मिले।
बच्चों ने दिया दो पेज का नोट, पुलिस कर रही इनकार
बेटे शुभम ने महिला पुलिस कर्मचारी को मां के पर्स से निकालकर दो पेज का लिखा नोट दिया। पुलिस कर्मचारी ने इसको पढ़ा और छुपाते हुए अधिकारियों को सूचित किया गया। इसके बाद पुलिस ने इसे किसी को पढ़ने नहीं दिया। बाद में पुलिस अधिकारियों ने इस नोट के बारे जानकारी से ही इनकार कर दिया। माना जा रहा है कि नोट में जेठ जेठानी या इस मामले के बारे में लिखा था।
बीमार रहती है महिला, पी ली दवाई
महिला ने बयान दिए हैं कि वह बीमार रहती है। इसलिए दवाई पी थी। इस दवा की जांच डॉक्टरों से करवाई है। डॉक्टरों का कहना है कि दवा ज्यादा खतरनाक नहीं है। सुसाइड नोट संबंधित कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल इस केस में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जितेंद्र सिंह, इंचार्ज, सेक्टर-13 पुलिस चौकी, करनाल।
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