
चार साल से अटकी सीएम घोषणा की माइनर और डिस्ट्रीब्यूटरी में पाइप लाइन डालने की योजना पर में दस नवंबर से कार्य शुरू होगा। इसके लिए डीसी जयबीर सिंह आर्य ने रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी नियुक्त कर दिए हैं। साथ ही विरोध करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने वर्ष 2016 से 9 माइनर व 2 डिस्ट्रीब्यूटरी में पाइप लाइन डलवाने की घोषणा की थी ताकि टेल पर पानी पहुंच सके और माइनर टूटने से पानी बर्बाद न हो।
इसका तकनीकी रूप से सर्वे करवाया गया और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जयपुर और आईआईटी रूड़की द्वारा इनका सर्वे किया गया था। सर्वे रिपोर्ट में सामने आया था कि इस क्षेत्र की माइनरों व डिस्ट्रीब्यूटरी में पाइप लाइन डाली जाए तो ग्रामीणों की पानी की समस्या से निजात मिल सकेगी। उसके बाद प्रदेश सरकार ने संबंधित माइनर व डिस्ट्रीब्यूटरी में पाइप लाइन डालने की परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।
विभाग ने पाइप लाइन दबाने का कार्य शुरू किया तो कुछ गांवों के ग्रामीणों ने खुली माइनर के स्थान पर पाइप लाइन डालने की योजना का विरोध किया और कार्य को रुकवा दिया गया था। मामले को अब डीसी जयबीर सिंह आर्य ने गंभीरता से लेते हुए दस नवंबर से कार्य शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।
विरोध करने वालों को दी जा चुकी है जानकारी
डीसी जयबीर सिंह आर्य ने दस दिन पहले इन परियोजनाओं का विरोध करने वाले लोगों के साथ लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में बैठक की थी। उस दौरान डीसी ने विरोध करने वाले लोगों को बताया था कि यह परियोजना ग्रामीणों की मांग के अनुरूप ही सरकार ने स्वीकृत की थी। तकनीकी रूप से भी इनका सर्वे करवाया गया है। यह सीएम घोषित योजना वर्ष 2016 से लंबित, जिनको हर हाल में पूरा किया जाना है।
पर्याप्त पुलिस बल भी रहेगा मौके पर मौजूद
डीसी जयबीर सिंह आर्य ने तोशाम के तहसीलदार अशोक कुमार को ढाणी माहू डिस्ट्रीब्यूटरी, नकटा माइनर, कैरू माइनर, टिटाणी माइनर व दिनोद माइनर के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है। इसके लिए पर्याप्त पुलिस बल मुहैया करवाने के लिए एसपी को भी पत्र लिखा गया है। किसी भी स्थिति से निपटने व शांतिपूर्वक कार्य करवाने के लिए भारी पुलिस बल मौजूद रहेगा।
काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
डीसी जयबीर सिंह आर्य ने इस बारे में बताया कि इन परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई व पेयजल के संकट से जूझ रहे गांवों को समुचित पानी मिल जाएगा। वर्ष 2016 से लंबित इन परियोजनाओं को पूरा करवाने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए जा रहे हैं। सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
18 नवंबर को प्रस्तावित है लघु सचिवालय का घेराव
किसान क्रांति कुनबा के संयोजक सुशील वर्मा ने डीसी के सकारात्मक कदम का स्वागत किया है। टेल पर बसे किसान का संघर्ष निर्णायक दौर में है। उन्होंने कहा कि 18 नवंबर को हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों में सवार होकर भिवानी पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का घेराव करेंगे। अगर इससे पहले प्रशासन माइनर व रजबाहों का काम शुरू करता है तो किसान डीसी को टेल पर बुलाकर स्वागत करेंगे।
पाइप लाइन चैनल की इन परियोजना पर होगा कार्य शुरू
- कैरू माइनर पर 1779 लाख रुपये खर्च होंगे। इस माइनर पर दिनोद, बजीणा, कोहाड़, लेघां हेतवान, हेतमुपरा, ढाणी माहू और जीतवानबास गांव आते हैं।
- टिटाणी माइनर पर पर 449 लाख रुपये में पाइप लाइन डाली जाएगी। इस पर टिटाणी व केहरपुरा गांव लगते हैं।
- नकटा माइनर 253 लाख रुपये में तैयार होगी। इसके तहत गांव भानगढ़, हेतमपुरा, लेघां भानान और लेघां हेतवान किसानों को लाभ मिलेगा।
- ढाणी माहू डिस्ट्रीब्यूटरी पर पर 1311 लाख रुपये की लागत से कार्य होगा, जिस पर गांव आलमपुर, दुल्हेड़ी, निगाना कलां, निंगाना खुर्द, सुंगरपुर, गुढा और ढाणी माहू के ग्रामीणों को लाभ मिलेगा।
- छपार सब माइनर पर 163 लाख रुपये खर्च होंगे, जिस पर छपार जोगियान गांव आता है।
- लेघां माइनर पर 727 लाख रुपये की योजना है। इस पर लेघा हेतवान, लेघा भानान, शिमलीबास व कैरू गांव आते हैं।
- दुल्हेड़ी डिस्ट्रीब्यूटरी का 91 प्रतिशत का काम पूरा हो चुका है।
- दिनोद माइनर प 451 लाख रुपये खर्च होंगे, इस पर देवसर, दिनोद गांव आते हैं।
- निगाना-सिवानी लिंक माइनर पर 832 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस पर आलमपुर, पटौदी, संडवा व सुंगरपुर गांव आते हैं।
- लालावास सब माइनर पर 429 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस पर काम चल रहा है।
- ओबरा माइनर पर 370 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसका 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो
चुका है।
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