शहर में गोल चौक के पास स्थित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में मुख्य दो पद बीडीपीओ और एसईपीओ पिछले सप्ताह रिक्त हो चुके हैं जबकि अकाउंटेंट अवकाश पर होने व एसडीओ के ऑफिस नहीं आने से सोमवार को सुनसान स्थिति रही। इसके चलते बीडीपीओ कार्यालय में आमजन को निराश लौटना पड़ा वहीं सभी कर्मचारियों की सैलरी अटक गई है और पंचायतों में शिकायतों के आधार पर चल रही जांच और कार्रवाई लंबित हो गई है।
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में सोमवार को बीडीपीओ और एसईपीओ की कुर्सी खाली रही। जिससे जनसुनवाई और जांच में आगामी कार्रवाई नहीं हुई। मुख्य पद खाली होने से खंड की सभी पंचायतों में ड्यूटी दे रहे विभागीय कर्मचारियों की सैलरी भी अटक गई है वहीं पंचायतों से संबंधित मामलों में चल रही शिकायतों की जांच व विकास कार्यों के निरीक्षण भी अटक गए हैं।
सोमवार को ऑफिस में पहुंचे लोगों ने बताया कि पंचायतों में लोगों की मांग और समस्याओं का समाधान करने में विभागीय अधिकारी अपनी भूमिका नहीं निभा रहे हैं और ऑफिस में अधिकारी नहीं मिलने से लोग चक्कर काटने को मजबूर हैं। सोमवार को ऑफिस में दोनों मुख्य अधिकारियों के पद खाली होने के अलावा अकाउंटेंट अवकाश पर रहे जबकि एसडीओ मुंशी राम जाखड़ व तकनीकी विभाग के जेई ऑफिस में नहीं पहुंचे।
शिकायतकर्ता बोले-जांच में देरी कर भ्रष्टाचार को दे रहे बढ़ावा
गांव रामपुरा विश्नोईयां निवासी कुलदीप बिश्नोई ने बताया कि गांव में पंचायती विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत के बावजूद अधिकारी कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर रही हैं। इनकी जांच को लगातार लटकाया जा रहा है गांव में बिश्नोई समाज की शमशान भूमि की चारदीवारी सहित दूसरे श्मशान घाट में हुए निर्माण और गलियों के निर्माण में गड़बड़ी हुई है।
गांवों के लोकमान्य गोगा जी मंदिर के पास जगह पर विरोध के बावजूद निर्माण कराने के अलावा पंचायती जगह पर कब्जाधारी होने के बावजूद प्रशासन की ओर से ढिलाई बरते हुए पंचायत के भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से 4 ग्राम सचिव और सरपंच को नोटिस के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
छह माह बाद भी कार्रवाई नहीं
लोहगढ़ के पंचायत सदस्य राजमीत सिंह ने बताया कि उन्हें सरकार की ओर से दिए जाने वाले मानदेय का पंचायत द्वारा भुगतान नहीं कर के गबन किया जा रहा है। जिसकी शिकायत के छह माह बाद भी अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
सुखेरा खेड़ा में पाइप लाइन डालने में हुए भ्रष्टाचार मामले के शिकायत करता विंकल मेहता ने बताया कि 3 साल बाद जांच शुरू हुई थी और अब अधिकारी खुद ही लापरवाही बरत रहे हैं। इसी प्रकार गांव चौटाला व भारु खेड़ा में गलियों के निर्माण और निर्माण कार्यों के रिकॉर्ड से संबंधित गड़बड़ी के बावजूद जांच और कार्रवाई में देरी की जा रही है। वही गांव राजपुरा माजरा में इस्तेमाल की पंचायती जमीन पर खाला निकालने की प्रक्रिया अधर में है।
इसी प्रकार गांव रामगढ़ में भ्रष्टाचार के दोषी जेई कालूराम को प्रमोट कर एसडीओ बनाया जा चुका है जबकि एसडीओ एमआर जाखड़ को भी रिटायरमेंट के लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस बारे में अनुबंध आधार पर पंचायती राज पटवारी की ड्यूटी दे रहे रिटायर्ड एसईपीओ सतपाल बिश्नोई ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से फिलहाल किसी अन्य बीडीपीओ को कार्यभार नहीं दिया गया है। बीडीपीओ ओमप्रकाश के ट्रांसफर व एसईपीओ भगवान दास के बीडीपीओ प्रोमोशन ट्रांसफर होने के बाद अब दोनों पद खाली हैं जबकि अकाउंटेंट फिलहाल अवकाश पर हैं। एसडीओ किसी कार्य से बाहर हो सकते हैं। सभी शिकायतों और मामलों की जांच में रूटीन कार्रवाई चल रही है।''
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