शिक्षा विभाग द्वारा स्टेट अवार्ड के नाम पर शिक्षकों के साथ मजाक वाली स्थिति बन रही है। करीब तीन महीने से टीचर के सम्मान की यह प्रकिया लगातार लटक रही है। पहले तो समय पर स्टेट अवार्ड के लिए आवेदन ही नहीं मांगे गए। जब 5 सितम्बर शिक्षक दिवस बीत जाने पर आवेदन मांगे गए और शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अपनी अवार्ड की फाइलें जमा करवाने पहुंचे तो आदेश दे दिया गया कि अभी अवार्ड फाइलें जमा न करें। क्योंकि स्टेट अवार्ड के लिए नियमों को ही बदल दिया गया।
इसके बाद फिर जब नये नियमों के आधार पर शिक्षकों ने फाइलें तैयार कर ली, तब आदेश जारी किया गया कि स्टेट अवार्ड के लिए आवेदन ऑनलाइन मांगे जाएंगे। राहत के नाम की यह प्रकिया ऑनलाइन में भी खूब उलझी। जब ऑनलाइन आवेदन मांगे गए तो 2 नवम्बर तक ऑनलाइन आवेदन जमा करने का आदेश जारी कर दिया गया।
अध्यापकों ने जल्दी जल्दी फाइलें ऑनलाइन जमा करवा दी गई। तत्पश्चात आदेश जारी कर दिया गया कि अब 10 नवम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद अब फिर पांचवी बार फिर से आदेश जारी कर दिया गया है कि शिक्षक स्टेट अवार्ड के लिए आवेदन 15 नवम्बर तक ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। इस बारे में डिप्टी डीईओ नवीन गुलिया का कहना है कि यह सब विभागीय प्रकिया के तहत ही हो रहा है।
बार-बार तारीख बदलने से आशंका, कहीं रद्द न हो जाए
बार बार तारीख बदलने से आशंका बढ़ रही है कि कही रद्द न हो जाए यह प्रकिया। इस बाबत टीचर परेशान है और उनकी आशंका को लेकर जवाब भी नहीं मिल रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3pspTJY