
स्वास्थ्य विभाग की ओर से 9 से 15 नवंबर तक तंबाकू उन्मूलन सप्ताह मनाया जा रहा है। गुरुवार को सिविल सर्जन डॉ. मंजीत सिंह ने ओपीडी के बाहर लोगों व स्वास्थ्यकर्मियों को धूम्रपान न करने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रमेश पांचाल ने लोगों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सिविल सर्जन ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। लोग तंबाकू से गुरेज करेंगे तो उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कुछ कामों के परिणामों के बारे में हमें पता होता है, लेकिन उसके बाद भी हम करते जाते हैं। हम सभी को तम्बाकू त्यागने का संकल्प करना है और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। तभी ऐसे आयोजन सफल होंगे। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रमेश पांचाल ने तंबाकू उन्मूलन सप्ताह के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि यदि आप अपने परिवार, पास-पड़ोस को जागरूक कर दो लोगों को तम्बाकू छुड़वाने में सफल रहे तो यह बड़ी बात होगी।
उन्होंने कहा कि गांवों में आजकल बीड़ी और हुक्के में फर्क मानकर हुक्के का सेवन ज्यादा कर रहे हैं,जबकि हुक्का भी इतना ही खतरनाक है जितना कि बीड़ी सिगरेट। जबकि कोरोना के समय में हुक्के के सेवन से और ज्यादा खतरा बना रहता है क्योंकि गांवों में समूह बना कर हुक्के का सेवन होता है जोकि गलत है, जिससे फेफड़ों पर असर तो पड़ता ही है, साथ ही कोरोना की चेन भी निरंतर बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में 60 लाख लोग प्रतिवर्ष तम्बाकू के कैंसर से मरते हैं। जिनमें दस लाख लोग केवल भारत के होते हैं। वर्तमान में विश्व में करीब 28 करोड़ लोग तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं। इससे सांस की बीमारी, हृदय रोग, पाचन, मुख एवं गले का कैंसर होता है। इस मौके पर पीएमओ डाॅ. बिमला राठी, एसएमओ डाॅ. गोपाल गोयल, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया, डेंटल सर्जन डॉ. पूनम लोहान सहित कई स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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