
हरियाणा योग परिषद के चेयरमैन डॉ. जयदीप आर्य ने कहा कि योग भारत की बहुत प्राचीन विद्या है। इसे छठी से बारहवीं कक्षा तक के सिलेबस में विषय के रूप में शामिल करने के लिए सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। इस कार्य योजना को जल्द सिरे चढ़ाने के लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया गया है। डॉ. जयदीप आर्य ने यह बात स्थानीय डीएवी पब्लिक स्कूल में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद तथा हरियाणा योग परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पीटीआई और डीपीई अध्यापकों के प्रशिक्षण शिविर में आए अध्यापकों व आमजन को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि योग बहुत ही प्राचीन विद्या है। इससे तन, मन स्वच्छ रहता है। बच्चे स्वस्थ रहे इस उद्देश्य को लेकर सरकार द्वारा स्कूलों में योग शिक्षा को अनिवार्य किए जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा एक नीति बनाई जा रही है ताकि योग को खेल एवं शिक्षा में शामिल किया जा सके। इसके साथ-साथ यह भी प्रयास किया जा रहा है कि योगा को जिला स्तर से लेकर ओलिंपिक खेलों में भी शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक अध्यापक को सात दिन का योग प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके बाद अध्यापकों का एक टेस्ट लिया जाएगा जो अध्यापक इस टेस्ट में उत्तीर्ण होंगे उन्हें योग प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रमाण पत्र सरकार की ओर से दिया जाएगा। जींद जिला में अध्यापकों के एक बैच का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डीडी विद्यार्थी, योग प्रशिक्षण शिविर के जिला समन्यवक रामनारायण उपस्थित रहे।
डीएवी स्कूल ने आयोजित किया म्हारा हरियाणा कार्यक्रम
डीएवी स्कूल द्वारा स्कूल परिसर में ही म्हारा हरियाणा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें एलकेजी, यूकेजी तथा पहली कक्षा के बच्चों ने हिस्सा लेते हुए हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी प्राचीन चीजों को घरों से लाकर प्रदर्शित किया। यह चीजें बच्चों को उनके अभिभावकों द्वारा उपलब्ध करवाई गई। कई चीजें तो 100 से 150 साल पुरानी भी दिखाई दी। इसके अलावा प्रदर्शनी में स्वादिष्ट एवं पोषक हरियाणवी व्यजनों जैसे दलिया, बथुअा का रायता, घी-शक्कर, कचरी की चटनी आदि को प्रदर्शित कर लोगों का ज्ञान वर्धन किया।
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