
भारतीय खाद्य मंत्रालय के निर्देशानुसार प्रदेश की अनाज मंडियों से पीआर धान के नमूने लिए जा रहे हैं। मंडियों से एकत्र हुए नमूनों का मंत्रालय की लेबोरेट्री में फिजिकल परीक्षण किया जाएगा। सैंपलिंग टीम से मिली जानकारी के अनुसार फिजिकल परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर सरकार धान खरीद के लिए मापदंड निर्धारित करेगी।
मंगलवार को खाद्य मंत्रालय भारत सरकार की हापुड़ स्थित लेबोरेट्री से तकनीकी अधिकारियों की एक टीम घरौंडा अनाज मंडी में पहुंची। टीम ने अनाज मंडी में आई पीआर धान की तीन अलग अलग ढेरियों से नमूने लिए और संबंधित किसानों से बातचीत की। टेक्निकल अधिकारी सुभाष कुमार व राकेश कुमार ने बताया कि गेहूं व धान की सरकारी खरीद के लिए मंत्रालय द्वारा मापदंड तय किए जाते हैं। इन नियमों को बनाने के लिए खरीफ व रबी के सीजन में विभाग की टीम देश के विभिन्न मंडियों से फसलों के सैंपल एकत्र करती है।
सुभाष कुमार ने बताया कि हरियाणा की कई मंडियों से धान के नमूने लिए गए हैं, इन नमूनों को हापुड़ लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। लैब में सभी सैंपल की फिजिकल इनवेस्टीगेशन की जाएगी। यह कार्य इसलिए किया जाता है ताकि मंत्रालय को यह जानकारी मिल सके कि किसान जो फसल मंडी लेकर आते है, उसकी गुणवत्ता क्या है।
उन्होंने बताया कि मंडियों से आए नमूनों की जांच के बाद यह तय किया जाता है कि खरीद के लिए फसल में नमी, बोर्केज, मिक्सर, ऑर्गेनिक व नॉन ऑर्गेनिक मिश्रण का प्रतिशत कितना रखा जाए। नमूनों की जांच रिपोर्ट के आधार पर मंडियों में फसल खरीद के बारे में लागू होने वाले नियमों में फेरबदल किया जा सकता है।
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