
राज्य सरकार के घर से पढ़ाओ अभियान ई-लर्निंग में कोताही करने वाले अध्यापकों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने रणनीति तैयार कर ली है। डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। डीसी मंगलवार को कैंप कार्यालय में आयोजित ई-लर्निंग की समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
डीसी ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर एडिशनल ब्लॉक रिसोर्स को-ऑर्डिनेटर (एबीआरसी) और ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) ई-लर्निंग के कार्य की ठीक तरह से मॉनिटरिंग नहीं कर रहे हैं तो उनकी छंटनी करने में देर न लगाई जाए। साप्ताहिक क्विज में बच्चों की प्रतिभागिता बढ़ाई जाए। इस क्विज में पांचवी से बारहवीं कक्षा तक के बच्चे भाग लेते हैं। क्विज में भाग लेने वाले बच्चों को पहले ओके और उसके बाद सब्मिट पर क्लिक करना होता है।
इसलिए अध्यापक क्विज के प्रतिभागी बच्चों को बार-बार याद दिलाए कि उन्हें ओके करने के बाद सब्मिट पर भी क्लिक करना है। बैठक में अवसर ऐप के बारे में भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि अध्यापक इस ऐप से लगातार जुड़े रहें। यह ऐप पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए है और उनकी परीक्षा इस ऐप के माध्यम से ली जा रही है। दीक्षा ऐप के बारे में डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण ऐप है और इसके माध्यम से पहली से आठवीं कक्षा तक के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
अगर इस ऐप के प्रशिक्षण के डाटा में अगर कोई गलती पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि उम्मीद करियर पोर्टल पर शत-प्रतिशत बच्चों का रजिस्ट्रेशन करवाया जाए। यह पोर्टल दसवीं से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए है और उन्हें उनकी रूचि के मुताबिक संबंधित क्षेत्र में आगे बढ़ने का परामर्श दिया जाता है। बच्चों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होता है और इसके लिए संबंधित अध्यापक स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन नंबर (एसआरएन) उपलब्ध करवाता है।
2 शिक्षकों को किया सम्मानित
डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने ई-लर्निंग में उल्लेखनीय योगदान देने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, गुढ़ाण के पीजीटी शिक्षक जितेंद्र कुमार व राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मॉडल टाउन, रोहतक की अध्यापिका रितु पंघाल को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी नांदल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुनीता पंवार, डिप्टी डीईओ कृष्णा व सभी खंडों के खंडशिक्षा अधिकारी मौजूद रहे।
शिक्षा मित्रों की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत
डीसी ने कहा कि शिक्षा मित्रों की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत है। जिन छात्र-छात्राओं के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए सरकार ने शिक्षा मित्रों की व्यवस्था की है, ताकि वह ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। इन शिक्षा मित्रों में उनके बहन-भाई, माता-पिता या नजदीकी रिश्तेदार हो सकते हैं। डीसी ने जनवरी माह में 10वीं व 12वीं कक्षा के लिए होने वाले प्री बोर्ड तथा 9वीं व 11वीं कक्षा के लिए होने वाली प्री फाइनल परीक्षाओं के लिए भी बच्चों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
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