
प्रदेश के सरकारी, अर्द्ध सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस की रिक्त सीटों को भरने के लिए मंगलवार को आवेदन करने वाले पात्र उम्मीदवारों को सीधी काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए बुलाया गया। हरियाणा सहित दूसरे राज्यों से अभिभावक बच्चों को लेकर सुबह आठ बजे ही पीजीआई के डायरेक्टर आफिस के बाहर एकत्रित होने लगे। नौ बजे से शुरू होने वाली काउंसिलिंग दोपहर दो बजे तक शुरू न होने पर अभिभावकों का धैर्य टूट गया।
परिजनोें ने काउंसिलिंग कमेटी पर सीट आबंटन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। डायरेक्टर ऑफिस के बाहर हंगामा किया। इसके बाद डायरेक्टर आफिस के बाहर बड़ी संख्या में एकत्रित परिजनों के हंगामा करने की खबर मिलते ही शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चीफ सिक्योरिटी अफसर मेजर नीरज शर्मा एएसओ, सुपरवाइजर और सुरक्षा कर्मियों को लेकर मौके पर पहुंच गए।
डायरेक्टर आफिस में घुसने का प्रयास कर रहे आक्रोशित परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया गया। इससे पहले आक्रोशित लोगों ने काफी देर तक डायरेक्टर ऑफिस के बाहर हंगामा किया। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 57, बीडीएस की 34 सीटें और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 299 और बीडीएस की 436 सीटें खाली हैं। जिन्हें भरने के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए योग्य आवेदकों को बुलाया गया था।
सवा दो बजे के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू हुई
काउंसिलिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. एसएस लोहचब के निर्देशन में दोपहर सवा दो बजे के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू करते हुए एक के बाद एक आवेदकों को शामिल किया गया। डायरेक्टर आफिस के कान्फ्रेंस हाल में देर शाम तक काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी रही। कमेटी के सदस्यों ने दावा किया कि ऐसा पहली बार है कि दो चरण की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी प्रदेश के सरकारी, अर्द्ध सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 356 और बीडीएस में 470 सीटें रिक्त बची हुई हैं और इन्हें भरने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि तीसरे चरण की काउंसिलिंग में 10 फीसदी से कम सीटें बचा करती थीं, जिन्हें भरने में ज्यादा परेशानी नहीं आती थी।
प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 57, बीडीएस की 34 सीटें और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 299 और बीडीएस की 436 सीटें खाली हैं। जिन्हें भरने के लिए तीसरे चरण की काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए योग्य आवेदकों को बुलाया गया था। काउंसिलिंग प्रक्रिया नियमानुसार की गई है। संभव है कि काउंसिलिंग कुछ देर से शुरू हुई होगी। लेकिन परिजनों की ओर से गड़बड़ी किए जाने के लगाए गए आरोप निराधार है। कमेटी के चेयरमैन से ही वास्तविक स्थिति पता करने के बाद ही स्पष्ट जानकारी दी जा सकेगी। -डॉ. गजेंद्र सिंह, प्राचार्य व जनसंपर्क अधिकारी, यूएचएस, रोहतक।
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