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Monday 14 October 2019

चुनावी रंजिश में बाप-भाई के कत्ल के बाद बडेसरा में पूर्व सरपंच की गोली मारकर हत्या

भिवानी.बडेसरा में सरपंच चुनावों को लेकर पांच साल से पहले शुरू हुई रंजिश में सोमवार को हमलावरों ने गांव के पूर्व सरपंच पवन की गोली मारकर हत्या कर दी। सूचना मिलने पर डीएसपी व एसएचओ ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

सोमवार शाम सात बजे बडेसरा में चुनावी सभा थी। गांव का पूर्व सरपंच पवन जनसभा खत्म होने के बाद बाइक पर अपने घर आ रहा था। जब वह गली में अपनी घर के पास पहुंचा तो बाइक सवार युवकों ने उस पर फायरिंग कर दी। गोली की आवाज सुनकर परिजन और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक पवन दम तोड़ चुका था। सूचना मिलने पर अनेक ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और घटना की सूचना पुलिस को दी।

डीएसपी विरेंद्र सिंह, बवानीखेड़ा थाना एसएचओ श्रीभगवान व एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल से गोलियों के तीन खोल भी बरामद किए हैं। पुलिस की आरंभिक जांच में सामने आया है कि हमलावरों ने पवन को चार गोलियां मारी हैं। एक गोली उसकी आंख पर और एक पसलियों में लगी, जबकि दो गोलियां पीठ में लगी हैं। चुनावी रंजिश में आठ जुलाई 2017 को हमलावर पक्ष के लोग पवन के भाई बलजीत व पिता भले राम की भी हत्या कर चुके हैं।

फर्जी प्रमाण पत्र से सरपंच बनी सुदेश को सस्पेंड कर जेल भेजने के बाद शुरू हुई थी दोनों परिवारों में दुश्मनी

बडेसरा में दो पक्षों के बीच चुनावी रंजिश की आग पांच साल बाद भी शांत नहीं हो पाई। एक पक्ष के लोगों ने इसी रंजिश की आग से दूसरे पक्ष के एक पूर्व सरपंच पवन की उस समय मौत के घाट उतार दिया, जब वह भाजपा की चुनावी सभा से वापस घर जा रहा था। दरअसल सरपंच चुनाव को लेकर वर्ष 2015 में दोनों पक्षों के बीच यह खूनी खेल शुरू हुआ था, जिसमें अभी तक परिवार के तीन सदस्यों की जान जा चुकी है। गांव बडेसरा में पांच साल पहले सुदेश देवी सरपंच बनी थी। बलजीत ने आरोप लगाया था कि सुदेश देवी फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के सहारे सरपंच बनी है। इसके लिए बलजीत ने आरटीआई लगाकर खुलासा किया था और बवानीखेड़ा थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी।

बलजीत की शिकायत पर सरपंच सुदेश देवी को सस्पेंड कर दिया गया था और उसे जेल भेज दिया गया। इसको लेकर बलजीत व सरपंच सुदेश देवी पक्ष के लोग एक-दूसरे से रंजिश रखने लगे। दोनों गुटों में 8 जुलाई को खूनी संघर्ष हुआ और जिसमें 50 वर्षीय बलजीत की मौके पर मौत हो गई और हमले में घायल हुए बलजीत के पिता भलेराम ने पांच दिन बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पुलिस ने मृतक बलजीत के पुत्र विकास की शिकायत पर 54 लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। जिनमें से 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। इसके बाद भी बलजीत के परिवार को हमलावरों से जान का खतरा बना हुआ था। उचित कार्रवाई न करने पर पीड़ित पक्ष ने भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर भी परिवार समेत कई दिनों तक धरना दिया था। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार के सदस्यों को तीन आर्म्स लाइसेंस व पुलिस सुरक्षा भी दी थी। पुलिस अभी तक मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है, लेकिन दोनों परिवारों में गांव की चौधर काे लेकर बनी दुश्मनी पांच साल बाद भी कम नहीं हुई है।



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बडेसरा में दो पक्षों के बीच चुनावी रंजिश के चलते हुई हत्या।


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