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Tuesday, 7 January 2020

क्यूआर कोड वाली पर्ची 11 विस में ही मिलेगी, वोटर स्लिप मतदान के 5 दिन पहले ले सकेंगे

नई दिल्ली.दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट करने के लिए मॉडल 11 विधानसभा में क्यूआर कोड वाली पर्ची दी जाएगी। शुरुआती दौर में ये सभी विधानसभा के लिए था लेकिन अब सीईओ दफ्तर इसे लेकर असमंजस में है। यही वजह है कि हर जिला में एक यानी 11 विधानसभा में ये व्यवस्था रहेगी। इन विधानसभा के पोलिंग परिसर में मोबाइल के लिए लॉकर की व्यवस्था होगी। जबकि जो वोटर अपने मोबाइल पर वोटर हेल्पलाइन से डिजिटल क्यूआर कोड वाली वोटर स्लिप दिखाकर जाएंगे, वो पोलिंग स्टेशन के अंदर तक मोबाइल ले जा सकेंगे।

यहां चुनाव कर्मी एक ट्रे रखेंगे जिसमें मोबाइल छोड़कर मतदाता मतदान करने जाएगा और वापस आकर मोबाइल वापस ले लेगा। दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने कहा है कि अभी विधानसभा कौन-कौन सी होगी, व्यवस्था और क्या रहेंगी, इस पर विचार विमर्श और चल रहा है। झारखंड में क्यूआर कोड के लिए बूथ एप का इस्तेमाल कुछ विधानसभा में हुआ। दिल्ली भी अभी 11 में ही करेगी। मोबाइल रखने के लिए विशेष इंतजाम होंगे। चुनाव आयोग ने इस बार दिव्यांग और 80 साल से अधिक उम्र के वोटर्स के लिए पहली बार पोस्टल बैलेट से वोट करने की छूट दी है। इसी तरह इन वोटर्स की मांग पर मतदान के लिए इन्हें घर से बूथ तक ले जाने और वापस घर छोड़ने के लिए वाहनों का इंतजाम भी रहेगा। अभी तक दिल्ली में 55823 वोटर्स दिव्यांग श्रेणी में रजिस्टर हैं।

3209 पोलिंग स्टेशन : पैरामिलिट्री और सीसीटीवी कैमरा रखेंगे नजर
सीईओ दफ्तर के मुताबिक अभी तक पुलिस और जिला चुनाव अधिकारी की तरफ से किए गए आंकलन के हिसाब से दिल्ली के 2689 पोलिंग लोकेशन में से 465 और 13750 पोलिंग बूथ में से 3209 बूथ क्रिटिकल श्रेणी में रखे गए हैं। इन पोलिंग लोकेशन और पोलिंग बूथ पर पुलिस की अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था होगी। पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती पुलिस करेगी तो चुनाव आयोग की तरफ से इन बूथ पर सीसीटीवी, वीडियोग्राफी और आब्जर्वर की नियुक्ति होगी। विस चुनाव में 21 ऐसे पॉकेट्स की पहचान की गई है, जहां के वोटर को दबंग बल के दम पर या फिर पैसे के प्रलोभन से किसी प्रत्याशी या पार्टी के लिए प्रभावित कर सकते हैं। इन पॉकेट्स में 72 पोलिंग स्टेशन हैं। इन क्षेत्रों में चुनाव के उड़नदस्ते का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

खर्च की सख्त मॉनिटरिंग : चेक, ड्रॉफ्ट या बैंक ट्रांसफर से ही डोनेशन लेंगे कंडिडेट
चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव खर्च की मॉनिटरिंग सख्त करने का फैसला किया है। पार्टी यह सुनिश्चित करे कि जिस प्रत्याशी को उतार रहे हैं, उनका नामांकन के एक दिन पहले सिर्फ चुनाव में इस्तेमाल के लिए एक बैंक खाता जरूर खुला हो। पार्टी से एक नोडल ऑफिसर होगा जिसकी ट्रेनिंग सीईओ दफ्तर कराएगा। अगर चुनाव खर्च के लिए प्रत्याशी को कहीं से पैसे मिलते हैं तो चेक, ड्राफ्ट या बैंक ट्रांसफर से लेगा। किसी एक व्यक्ति या एजेंसी को 10 हजार रुपए से अधिक एक दिन में भुगतान करना है तो चेक, ऑनलाइन बैंक ट्रांसफर या ड्राफ्ट से देना होगा। जिला चुनाव अधिकारी स्तर पर हर जिला में एक केंद्र ऐसा बनाया गया है जहां किसी सभा या रैली से संबंधित क्लीयरेंस एक ही जगह दे दी जाएगी। इसमें स्थानीय निकाय, पुलिस, अग्निशमन विभाग के लोग शामिल रहेंगे।

मतदान के पहले तीन बार देना होगा क्रिमिनल रिकार्ड का विज्ञापन

चुनाव आयोग ने साफ किया है कि जिन कंडिडेट का क्रिमिनल रिकार्ड होगा, वो पहले शपथपत्र में उसे घोषित करेंगे जो पब्लिक के लिए उपलब्ध रहेगा। फिर नाम वापस लिए जाने की अंतिम तारीख से मतदान के दो दिन पहले तक तीन बाद स्थानीय अखबार में 12 फांट साइज में विज्ञापन देना जरूरी है। अधिसूचना जारी होने की तारीख 14 जनवरी से हर विधानसभा स्तर पर असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे। संवेदनशील विधानसभा में एक की बजाय दो-दो आब्जर्वर लगाए जा सकते हैं।

भाजपा ने ओपिनियन पोल पर दी दो शिकायतें
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने बताया कि एक चैनल पर ओपिनियन पोल दिखाए जाने के खिलाफ भाजपा की तरफ से दो शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। उस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।



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Slip with QR code will be found in 11 Vis only, voters will be able to take slip 5 days before polling.


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