
नई दिल्ली .सेना दिवस के मौके पर दिल्ली मुख्यालय में देश के सैनिकों-अधिकारियों को उनके शौर्य और पराक्रम के लिए सम्मानित किया गया। इस दौरान कई क्षण बेहद भावुक कर देने वाले रहे, तो वीरों के कारनामों को लेकर गर्व से भरने वाले भी। समारोह में शहीद वीरों के परिजनों ने भी हिस्सा लिया। सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने रेजिमेंट्स को भी सम्मानित किया। 15 जनवरी 1949 को जनरल केएम करियप्पा ने सेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला था, तभी से सेना दिवस मनाया जा रहा है।
मेजर चित्रेश बिष्ट (मरणोपरांत) :16 फरवरी 2019 को एलओसी पर दुश्मनों की लगाई आईडी को निष्क्रिय किया था। दूसरे बम को डिफ्यूज करते वक्त ब्लास्ट हो गया और वीरगति को प्राप्त हुए। महज 19 दिन बाद उनकी शादी होने वाली थी। कहा था- जल्द लौटूंगा। मां से बोले थे कि नई साड़ी ले आऊंगा। मेरी शादी में वही पहनना। मेजर चित्रेश को मरणोपरांत वीरता पदक िदया गया।
हवलदार शिवराम (मरणोपरांत ) : पुलवामा हमले के 3 दिन बाद सेना को वहां से करीब 10 किमी दूर पिंग्लेना में आतंकी छिपे होने की सूचना मिली। 17 फरवरी को सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ में जख्मी शिवराम खून से लथपथ थे। लेकिन जैश आतंकी बिलाल अहमद नाइक को ढेर कर दिया। दो और आतंकी मारे। पुलवामा का मास्टरमाइंड कामरान उर्फ राशिद गाजी भी मारा गया।
इनकी वीरता का भी सम्मान
लेफ्टिनेंट कर्नल रवींद्र कुमारः सियाचिन ग्लेशियर में सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन किया। अदम्य साहस और फ्लाइंग स्किल्स के लिए वीरता मेडल दिया गया।
मेजर हरप्रीत सिंहः सितंबर 2018 में जम्मू-कश्मीर में सर्च ऑपरेशन के दौरान जान की परवाह न करते हुए भागते हुए आतंकी को बेहद करीब रेंज से मार गिराया। सेना मेडल।
मेजर विकास सेहरावतः 14 जून 2018 को जम्मू-कश्मीर में सर्च ऑपरेशन के दौरान दुश्मनों का करीब से सामना किया। आतंकी की गोली से घायल हुए। अदम्य साहस दिखाने के लिए वीरता पदक से सम्मानित।
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