संघ के जिला प्रधान अजीत राठी ने बताया कि सत्र 2018-19 का दसवीं व बाहरवीं कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षा का पारिश्रमिक बोर्ड प्रशासन ने अभी तक अध्यापकों व प्राध्यापकों को नहीं दिया है। इसको लेकर विज्ञान अध्यापकों व प्राध्यापकों में रोष है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर दसवीं व बाहरवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों से 100 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से लगभग 44 लाख 17 हजार 100 रुपये एकत्रित किए थे। बोर्ड की मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा आंतरिक रूप से अध्यापकों द्वारा ली गई थी। अध्यापकों ने प्रायोगिक परीक्षा लेकर बच्चों के प्राप्त अंकों का विवरण बोर्ड को ऑनलाइन भेजा था। 12 वीं कक्षा के भौतिक, रसायन व जीव विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा बाहरी परीक्षक द्वारा ली गई थी। विज्ञान प्रवक्ता दयाचंद फौगाट ने बताया कि 12वीं कक्षा के प्रायोगिक परीक्षा का पारिश्रमिक बोर्ड मात्र 10 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से दे रहा है, जबकि बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिका व प्रायोगिक परीक्षा का मूल्यांकन एक समान होता था। वर्तमान में बोर्ड की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन 12वी कक्षा पर 14 रुपये व दसवीं कक्षा पर 12 रुपये प्रति छात्र है। उन्होंने बोर्ड प्रायोगिक परीक्षा का पारिश्रमिक 14 रुपये व 12 रुपये के हिसाब से अध्यापकों को दिए जाने की मांग की है।
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