
डीघल टोल प्रबंधन के लिए स्थानीय और सरकारी कर्मचारियों के प्राइवेट वाहन सिरदर्द बने हैं। टोल अधिकारियों की मानें तो इन वाहनाें की वजह से व्यवस्था बिगड़ रही है। इन वाहनाें के मालिक टाेल न देने की बात पर बहस कर रहे हैं। इस कारण रोजाना जाम लगा रहा है। हालांकि रोहतक नंबर के लगभग 2400 वाहन रोजाना डीघल टाेल से गुजरते हैं। इन वाहनाें के 2200 मालिकों ने फास्टटैग लगवाकर 265 रुपए प्रतिमाह के पास करवा लिए हैं। इसी प्रकार सवारी ढाेने वाली 250 क्लूजर, पिकअप, मैजिक गाड़ी चालकों ने फास्टैग लगवा लिए हैं। डीघल टोल के लोकल गांव 2500 में से एक हजार वाहन चालकों ने फास्टटैग लगवाए हैं, जबकि 1500 वाहन चालक बहस कर रहे हैं। टोल अधिकारियों ने दावा किया कि पुलिस, सरकारी कर्मचारी और लोकल वाहन मालिक फास्टटैग लगवा ले तो उनके टोल पर 95 प्रतिशत वाहन पर फास्टटैग लग जाएगा। अभी फिलहाल 64 प्रतिशत वाहनों पर फास्टटैग लग पाए हैं। डीघल टोल से एक सप्ताह में लगभग 2500 वाहन डबल का चार्ज लिया हैं। इधर, डीघल टोल के प्रोजेक्ट मैनेजर ब्रहमजीत अहलावत का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों को फास्टटैग लगवाने के लिए टोल पर न आना पड़े। इसके लिए लघु सचिवालय समेत सभी सरकारी कार्यालयों में बूथ लगाया जाएगा।
डीघल टाेल पर वाहनों की लगी लाइन।
65 रुपए प्रतिमाह का पास बनवा सकते हैं ग्रामीण
डीघल टोल से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांव डीघल, धांधलान, गोच्छी, करौथा, शिमली, भभेंवा, बहराना, गांगटान, मदाना, सेरिया, दुजाना, लकड़िया, दिमाना, महराना के वाहन चालक 65 रुपए प्रतिमाह का पास एसडीएम आॅफिस से बनवा सकते हैं। अब तक अधिकांश वाहन कैशलेन से ही गुजर रहे हैं। इस कारण फास्टटैग की लाइनें खाली रहती हैं। टोल से निकलने वाले 36 प्रतिशत वाहनों में फास्टटैग चिप नहीं लगी है।
पिछले 2 माह से नहीं बना फास्टटैग
दुजाना गांव स्थित रणसिंह पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर कामांडर बीके शर्मा का कहना है िक 29 नवंबर 2019 को एक्सिस बैंक में फास्टटैग के लिए आवेदन किया था। कई बार संपर्क करने के बाद भी फास्टटैग नहीं मिला। उन्होंने बताया कि अब 15 जनवरी से आने जाने का टोल देने पड़ता हैं। ऐसे में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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