नई दिल्ली .सीएए के विरोध में सोमवार को जहां जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों ने अपनी आवाज बुलंद की वहीं जामिया विव के गेट नंबर सात से एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों ने संसद जाने के लिए मार्च निकाला। हालांकि, उन्हें होली फैमिली अस्पताल के पास रोक लिया गया। जामिया में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में 34 स्टूडेंट घायल हुए हैं। इनमें से करीब 9 महिलाएं और अन्य पुरुष बताए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारी जामिया के नजदीक ही अल शिफा अस्पताल में इलाज के लिए गए थे। अस्पताल की ओर से बताया कि 33 लोग पेट और उससे नीचे दर्द की शिकायत लेकर हमारे पास आए थे। इनमें से 4 की हालत गंभीर है जोकि आईसीयू में भर्ती हैं। इसके अलावा अन्य वार्ड में भर्ती हैं। अन्यों को प्राथमिक उपचार देकर वापस भेज दिया गया। अस्पताल की ओर से कहा गया है कि भर्ती हुए लोगों की जांच कराई गई है।
रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि उन्हें कहां चोट लगी है। जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के सदस्य लारैब अहमद नियाजी का कहना है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने स्टूडेंट्स के प्राइवेट पार्ट्स पर हमले किए। इसमें छात्र-छात्राएं दोनों के प्राइवेट पार्ट्स पर चोटें आई हैं, जिसके बाद उन्हें पहले जामिया के मेडिकल सेंटर ले जाया गया। बहुत से छात्रों को आसपास के दूसरे अस्पताल और डॉक्टर के पास ले जाया गया। वाइस चांसलर प्रोफेसर नजमा अख्तर और रजिस्ट्रार छात्रों को देखने के लिए भी पहुंचे। नियाजी ने कहा कि पुलिस ने नई तरह की आंसू गैस छोड़ी और गंदे कैमिकल युक्त पानी की बौछार की गई, जिससे छात्रों को सांस लेने में दिक्कत हुई और कुछ बेहोश हो गए। पुलिस में शिकायत इसलिए नहीं कि क्योंकि 13 दिसंबर की घटना में शिकायत किए जाने के बाद भी ने एफआईआर दर्ज नहीं की गई। प्रदर्शन में कुछ लोग रुमाल बांधे भी दिखे।
छात्रों के दो आरोप
1. पुलिस ने नई तरह की आंसू गैस और गंदे कैमिकलयुक्त पानी की बौछार की
2. पुलिस ने स्टूडेंट्स के प्राइवेट पार्ट्स पर हमले किए, इसमें छात्र और छात्राएं; दोनों को चोट आई
पुलिस बोली- न लाठी चार्ज किया, न पानी छोड़ा
डीसीपी साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट आरपी मीना ने बताया कि पुलिस ने कोई गैस का गोला नही छोड़ा। किसी तरह की गैस और पानी का इस्तेमाल नहीं किया। कोई लाठी चार्ज नही किया। इस मामले में आईपीसी की धारा 186,88,353,332 में छात्रों पर केस दर्ज किया गया है।
इधर शाहीनबाग इलाके में 58 वें दिन भी प्रदर्शन जारी, सड़क अब भी बंद
शाहीनबाग में 58 वें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। हजारों की संख्या में वहां एकत्रित लोग सीएए और एनआरसी का िवरोध करते रहे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी अनिश्चितकाल के लिए सड़क को बंद रखे जाने को लेकर टिप्पणी की। जिस पर लोगों ने कोर्ट का सम्मान किए जाने की बात तो कही लेकिन वे अपने विरोध प्रदर्शन को वापस लेने के लिए राजी नहीं दिखे। यहां मौजूद कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना है अगर वे सड़क को यहां से खाली कर दूसरी जगह पर धरने पर बैठे तो वहां से उनकी बात को कोई नहीं सुनेगा। इस तरह से प्रदर्शन कर वे अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, बेशक अभी उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि एक दिन जरूर इस नए कानून पर पुन: विचार किया जाएगा।
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