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Monday, 24 February 2020

कैंटोनमेंट बोर्ड में फंड नहीं, ‌‌~524 करोड़ सर्विस चार्ज सेना पर बकाया


सेना द्वारा सर्विस चार्ज अदा नहीं किया जा रहा है जिस कारण अब कैंटोनमेंट बोर्ड के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। बोर्ड के पास विकास कार्यों के लिए फंड की कमी है और कम सर्विस चार्ज कलेक्शन हो रही है। यदि जल्द इस मुसीबत से बाहर न निकला गया तो आने वाले कुछ माह में बोर्ड स्टाफ को वेतन तक के लाले पड़ सकते हैं। बोर्ड मुख्यालय ने भी बोर्ड को पत्र लिख आय के साधन बढ़ाने व खर्च में कटौती को कहा है।

आलम यह है कि सेना के 524 करोड़ रुपए सर्विस चार्ज अब तक बकाया है जोकि सेना ने जमा नहीं कराया। बोर्ड सेना से पत्राचार कर चुकी है, मगर सर्विस चार्ज नहीं मिलने से अब बोर्ड की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। फंड कमी के चलते आगामी बोर्ड मीटिंग में महज 5-6 विकास कार्यों को अप्रूवल के लिए रखा गया है, जबकि पहले 15-20 से अधिक कार्यों को पास कराया जाता था। बोर्ड का बड़ा क्षेत्र सेना के पास है और सेना को प्रतिवर्ष 63.76 करोड़ रुपए सर्विस चार्ज के तौर पर बोर्ड को देने होते हैं। मगर वर्ष 2006-07 से सेना सर्विस चार्ज नियमित तौर पर जमा नहीं करा रही। इस कारण सेना का 524 करोड़ रुपए सर्विस चार्ज पेंडिंग है। बोर्ड अधिकारियों ने इस सर्विस चार्ज को वसूल करने के लिए सैन्य अधिकारियों के अलावा कैंटोनमेंट बोर्ड के डायरेक्टर जनरल डिफेंस इस्टेट व अन्य अधिकारियों से भी पत्राचार किया है।

एयरफोर्स नियमित दे रही सर्विस चार्ज, 4 करोड़ रेलवे का पेंडिंग : सेना के मुकाबले एयरफोर्स 17 करोड़ वार्षिक सर्विस चार्ज नियमित तौर पर कैंटोनमेंट बोर्ड को अदा कर रही है। इसके अलावा रेलवे का 4 करोड़ रुपए सर्विस चार्ज बकाया है। इसी तरह माल रोड स्थित सीपीएमजी आॅफिस का भी 3.07 करोड़ चार्ज बकाया है।

फंड कम होने पर बोर्ड के विकास कार्य होंगे प्रभावित

सेना के सर्विस चार्ज पर निर्भर कैंटोनमेंट बोर्ड

सर्विस चार्ज सीधा कैंटोनमेंट बोर्ड के डायरेक्टर जनरल डिफेंस इस्टेट मुख्यालय के खाते में जमा होता है। बोर्ड द्वारा हर वर्ष विकास कार्यों के लिए बजट बनाकर भेजा जाता है और बदले में डीजी मुख्यालय से यह बजट अलॉट होता है। मगर सर्विस चार्ज का बड़ा हिस्सा जमा नहीं होने पर अब अम्बाला कैंटोनमेंट बोर्ड को मुख्यालय से कम फंड मिल रहे हैं। यह सिलसिला बीते कुछ वर्षों से चल रहा है, बोर्ड अपनी एफडी से कुछ राशि निकाल कर काम चला रहा था मगर अब स्थिति विकट हो गई है। बताते हैं कि मुख्यालय द्वारा फंड की कमी का हवाला देकर बोर्ड को खर्चों में कटौती करने या फिर आय के साधन बढ़ाने की नसीहत दी गई है। कैंटोनमेंट बोर्ड का वार्षिक बजट 64 करोड़ रुपए है और सर्विस चार्ज से बोर्ड को 90 करोड़ से ज्यादा आय होती है। सेना का सबसे ज्यादा 63.76 करोड़ सर्विस चार्ज है, मगर बड़ा हिस्सा नहीं मिलने पर बोर्ड दबाव में है। बता दें कि बोर्ड का क्षेत्रफल 8100 एकड़ है जिसमें बड़ा हिस्सा सेना के पास है।

मामले को लेकर कोई समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
अनुज गोयल, सीईओ, कैंटोनमेंट बोर्ड अम्बाला।

सेना सर्विस चार्ज अदा नहीं कर रही है। यह मसला बड़ा है जोकि रक्षा मंत्रालय स्तर पर हल होगा। मामले में पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल जल्द रक्षा मंत्री से मुलाकात करेगा। बोर्ड में फंड की खासी कमी है।
अजय बवेजा, बोर्ड के उपाध्यक्ष



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