
अाेल्ड इंकाे चाैक पर बने प्राइवेट मॉल के उन एंट्री व एग्जिट गेट को नगर निगम की टीम ने सील कर दिया, जो नाले के साथ सरकारी जमीन की ओर बनाए गए हैं। बिल्डिंग इंस्पेक्टर ने यहां निगम कमिश्नर के हस्ताक्षर वाला नाेटिस चस्पा कर दिया है। जिसमें लिखा है कि नाला राेड पर एंट्री-एग्जिट की कोई परमिशन निगम की तरफ से नहीं दी गई थी और जो प्लान स्वीकृत कराया गया था यह उसके विपरीत है। ऐसे में इस अवहेलना के चलते उत्तर दिशा की तरफ के प्लाट संख्या 4 से 7 तक के एंट्री-एग्जिट प्वाइंट सील किए जा रहे हैं। निगम ने यह कार्रवाई हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट 1994 के सेक्शन 263 ए के तहत की। वहीं, निगम की इस कार्रवाई के बाद बिल्डिंग मालिक ने नाले पर पुलिया बनाने के लिए रखा लोहे का शिकंजा भी हटा लिया। जिसके करीब शाम पांच बजे क्रेन लगाकर हटाया गया। इस शिकंजे को रखने के लिए नाले की जो दीवारें तोड़ी गई थीं उसे भी देर शाम मिस्त्रियों की मदद से ठीक कराया गया।
निगम कमिश्नर से मिले सेक्टरवासी, बिल्डिंग मालिक ने भी दिखाए दस्तावेज : सुबह 11 बजे सेक्टर-8, 9 व 10 के प्रतिनिधि नगर निगम में कमिश्नर पार्थ गुप्ता से मिले। गुप्ता को बताया कि बिल्डर की तरफ से नाले पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। इसके अलावा नाले व मॉल के बीच बनाए पैदल रास्ते पर भी कब्जा कर लिया है। इस मामले में जांच कराई जाए कि क्या किसी की मिलीभगत है। दूसरी तरफ बिल्डिंग मालिक प्रदीप कुमार भी अपने कर्मियों के साथ कमिश्नर से मिलने पहुंचे। करीब चार घंटे में दो बार निगम कमिश्नर से मुलाकात की लेकिन कमिश्नर उनकी दलीलों से संतुष्ट नहीं हुए।
अभी इन पॉइंट पर जांच जरूरी
{ इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने 2004 में जो 111 दुकानों के प्लॉट नीलाम करने का प्रपोजल मंजूर कराया था, वह कहां दब गया।
{ क्या मार्च 2018 में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के कार्यालय से दस्तावेज चोरी की एफआईआर दर्ज कराना किसी साजिश का हिस्सा था।
{ क्योंकि इस एफआईआर के बाद ही इंको नाले के पास उस जगह सड़क बना दी गई, जहां दुकानों के प्लॉट बनने थे। सड़क का फायदा सिर्फ मॉल को है।
{ यह सड़क बनाने का प्रस्ताव किसका था, क्या इसमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति की भूमिका रही।
{ सरकारी जमीन की तरफ मॉल का एंट्री-एग्जिट गेट कैसे बन गया, वो भी तब जब यह मॉल के मंजूर साइट प्लान में था ही नहीं।
{ क्या ट्रस्ट की दुकानें के प्रपोजल को दबाना, दस्तावेज चोरी, एफआईआर, सरकारी जमीन की तरफ मॉल का एंट्री-एग्जिट गेट और इस मॉल व नाले के बीच सड़क बनाना सबकुछ योजनाबद्ध था।
दुकानों के साइट प्लान पर सड़क बनाने की जांच होगी: निगम कमिश्नर
निगम कमिश्नर पार्थ गुप्ता ने बताया कि बिल्डिंग मालिक ने जो नक्शा पास कराया था, उसमें नाले की तरफ एंट्री-एग्जिट की परमिशन नहीं थी। इसी वजह से सीलिंग हुई है। अगर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की तरफ से 2004 में 111 दुकानों के प्लॉट काटने का मंजूर प्रपोजल व साइट प्लान सामने आता है तो उस मामले में भी जांच होगी।
अम्बाला सिटी | रिलायंस स्टाेर के गेट पर नाेटिस बाेर्ड लगाते निगम कर्मचारी और जानकारी देते हुए सेक्टर-9 के निवासी।
भास्कर फालोअप
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