
झारखंड के छोटे गांव से निकलकर मेहनत के बलबूते क्रिकेट के इतिहास में अपना मुकाम बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने आजादी के दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धोनी ने 331 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की। उन्होंने अपने नाम कई ऐसे रिकॉर्ड किए जो लंबे समय तक उनके साथ जुड़े रहेंगे। रिटायर तो सभी को एक न एक दिन होना है, लेकिन उनके इस निर्णय से आगरा में क्रिकेट प्रेमी मायूस हो गए हैं। धोनी ने साल 2015 में आगरा में वायुसेना के पैरा ट्रूपर की पदवी हासिल की थी।

1250 फीट से धोनी ने लगाई थी छलांग
पांच साल पहले महेंद्र सिंह धोनी आगरा आए थे। उन्होंने यहां अर्जुन नगर स्थित एयरफोर्स के पैरा ट्रेनिंग स्कूल में 15 दिनों में ट्रेनिंग पूरी की थी। आगरा के वरिष्ठ पत्रकार अविनाश ने बताया कि, 19 अगस्त 2015 को धोनी के आने की सूचना से उनके तमाम प्रशंसक मलपुरा स्थित ड्रॉपिंग जोन के आसपास जमा होने लगे थे। इसलिए जवानों ने ड्रॉपिंग जोन को अपनी निगरानी में ले लिया था। उस दिन एयरफोर्स के प्रशिक्षित जवानों ने एएन 32 विमान से छलांग लगााई। यह छलांग 1250 फीट ऊंचाई से थी। जमीन से आसमान में विमान नजर नहीं आ रहा था। सिर्फ गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दे रही थी। करीब दो से तीन मिनट बाद पैराशूट से उतरते हुए कई प्रशिक्षित जवान दिखे। इन्हीं में से एक महेंद्र सिंह धोनी भी थे। इसके बाद 20 अगस्त और फिर 21 अगस्त तक कुल पांच बार एयरफोर्स के विमान एएन-32 से जंप की। उन्होंने रात को भी जंप कर पैराट्रूपर बनने के लिए जरूरी प्रक्रिया भी पूरी की थी।

धोनी ने कहा था- आर्मी में जाने के लिए एनसीसी सही प्लेटफार्म
धोनी ट्रेनिंग के बाद खाली समय में अलग-अलग जगह घूम रहे थे। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स के साथ समय बिताया और वह अचानक आगरा के माल रोड स्थित एनसीसी के एयर विंग ऑफिस पहुंचे थे। वह सेना की जिप्सी में यहां आए थे। वह करीब 40 मिनट तक यहां पर रुके। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स के साथ बातचीत की और ग्रुप फोटो खिंचवाए। धोनी ने कहा था कि एनसीसी बिलकुल सही प्लेटफॉर्म है, यहां से आने वाले समय में आर्मी और एयरफोर्स को ऑफीसर्स मिलने चाहिए। धोनी ने कहा कि वह खुद एनसीसी कैडेट रह चुके हैं। उन्हें सी सर्टिफिकेट मिल चुका है।

धोनी में भी दिखा था वर्दी का रौब
एयरफोर्स एरिया में महेंद्र सिंह धोनी पर आर्मी ड्रेस का रौब दिखने लगा था। ट्रेनिंग की शुरुआत में जब वह यहां आए थे तो सौम्य रूप दिख रहा था, लेकिन 15 दिन ट्रेनिंग के बाद उनके चलने और बोलने का स्टाइल बदल गया था। उनकी सारी झिझक खत्म हो गई थी और ऑनरेरी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी गंभीर आर्मी अफसर जैसा बर्ताव करने लगे थे। छायाकारों ने उनकी 15 दिन की तस्वीरों को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया था।

पैराट्रूपर बनने पर हुआ था जोरदार स्वागत
कैप्टन कूल के पैराट्रूपर बनने के बाद वो ठीक सुबह 9.30 बजे सेना के ऑरनरी लेफ्टिनेंट कर्नल की वर्दी में बेस कैंप आए थे। सैन्य जवानों और अधिकारियों ने उनका शानदार स्वागत किया था। उन्हें गेस्ट हाउस से जिप्सी में लाया गया था। सभी की निगाह उन्हीं पर एकटक थी। इस दौरान धोनी के बैच के सौ से ज्यादा जवान भी यहां बुलाए गए थे। समारोह में धोनी को पैराट्रूपर अवार्ड दिया गया था और उनकी वर्दी पर सीने में पैराविंग लगाई गयी थी। 15 दिनों तक धोनी ने कड़ी मेहनत कर विमान से पैराशूट के सहारे छलांग लगाना सीखा था। समारोह एयरफोर्स की ओर से आयोजित किया गया था। इसमें सेना, एयरफोर्स के साथ-साथ यूपी सरकार के प्रशासनिक अधिकारी को भी आमंत्रित किया गया था।




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