प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 5.1 मिमी. बारिश हुई है। अगस्त में अब तक 80 मिमी. पानी गिरा है, जो सामान्य से 20% कम है। इसका सबसे बड़ा कारण लगातार एंटी साइक्लोन बनना है। हालांकि, अभी माॅनसून की काफी बरसात बाकी हैं। यानी अगस्त के आखिरी सप्ताह से लेकर सितंबर के मध्य तक बरसात होने की पूरी संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग के चंडीगढ़ सेंटर के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल के अनुसार फिलहाल माॅनसून सक्रिय है। 19 व 20 को अच्छी बारिश की संभावना है। 1 जून से शुरू हुए मॉनसून सीजन में 18 अगस्त तक 293.7 मिमी. बारिश हो चुकी है, जो 3 फीसदी कम है।
झांसा (कुरुक्षेत्र)| उफान पर मारकंडा
मारकंडा का जलस्तर लगातार बढ़ने से प्रशासन व लोगों की चिंता बढ़ गई है। मंगलवार दोपहर एक बजे पानी खतरे के निशान को छू गया। इसके बाद जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। विभाग ने पानी के खतरे को देखते हुए झांसा में मारकंडा के पानी को कंट्रोल करने के लिए सतलुज यमुना लिंक में बनाए आपातकाल कपाट खोल दिए। इसमें लगभग 200 क्यूसिक पानी छोड़ा है। पानी की लगातार बढ़ोतरी के चलते जहां 1 दिन पहले गांव कठुआ में पानी प्रवेश कर गया था।
वही, दूसरे दिन गांव तंगौर के घरों के दरवाजों पर मारकंडा के पानी ने दस्तक दी है। खेतों में जाने वाले सभी रास्ते जलमग्न हो गए। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पानी शांति नगर, कलसाना को जाने वाली मुख्य सड़क के ऊपर से भी गुजरने लगा है। इसके अलावा झरौली खुर्द, अजराना खुर्द, अजराना कलां, झांसा, खंजरपुर, ठसका मीराजी, कलसाना, बीबीपुर, रोहटी गांव के साथ लगती फसलें पानी की चपेट में आ गई हैं।
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