सिटी नगर निगम की नई वार्डबंदी में निवर्तमान पार्षदों का जहां अपना पुराना वार्ड छिन गया। वहीं कांग्रेस के दो दिग्गज निवर्तमान पार्षदों का एक ही वार्ड हो गया। यही नहीं पुराने वार्डों के तीन से चार हिस्से कर दिए गए हैं। वार्ड की लंबाई भी दो किलोमीटर तक कर दी गई है। इस प्रस्तावित वार्डबंदी पर 23 अगस्त तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। इसके बाद फाइनल वार्डबंदी की नोटिफिकेशन की जाएगी। उसी के आधार पर चुनाव होंगे। कोरोना अड़चन न बना तो सितंबर में चुनाव प्रस्तावित हैं।
इस बार मेयर का चुनाव सीधे होना है और यह पद महिला के लिए आरक्षित है। डायरेक्ट चुनाव की वजह से मेयर पावरफुल होंगी, इसलिए सिटी विधायक असीम गोयल के लिए एक अलग तरह की चुनौती है। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह का हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट नया प्लेयर है, इसलिए मैदान में जमने की चुनौती है। बगावत झेल रही कांग्रेस के लिए ताकत बटोरने की चुनौती है। वहीं पूर्व मंत्री और दो बार सिटी विधायक रहे विनोद शर्मा अभी साइलेंट हैं। सिटी व कैंट को मिलाकर जब नगर निगम बनाया गया था। उस समय सिटी के 11 और कैंट के 9 वार्ड थे। अब सिटी नगर निगम अलग बना तो उसके 20 वार्ड बनाए जाने हैं, जिसकी जनसंख्या 3 लाख 3 हजार 850 है।
शालीमार कॉलोनी की वार्ड 4 की पार्षद मीनाक्षी कपूर का नई वार्डबंदी में वार्ड 1 हो जाएगा। जबकि वार्ड 2 में कोई निवर्तमान पार्षद नहीं है। यहां पर इस बार नया चेहरा ही सामने आएगा। वार्ड-1 की पार्षद सोनिया का नया वार्ड 3 हो जाएगा। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष एवं नगर परिषद अध्यक्ष रहे हरीश सासन का वार्ड-2 की बजाए 4 होगा। वार्ड 2 की पार्षद दर्शना मेहता का वार्ड 5 हो जाएगा। निवर्तमान मेयर रमेश मल का वार्ड भी बदल गया है। वह पहले वार्ड 3 से चुने गए थे, इस बार उनका वार्ड 6 हो गया है। वार्ड 7 में कोई निवर्तमान पार्षद नहीं है, लेकिन यहां पूर्व पार्षद हैं। इनमें देवराज, महेंद्र तंवर शामिल हैं। वार्ड 5 की निवर्तमान पार्षद रूपम गुगलानी का वार्ड 8 होगा। जबकि वार्ड 9 में नगर परिषद के पूर्व पार्षद बृजलाल सिंगला, सुशील अग्रवाल हैं। वार्ड 10 में नप के पूर्व पार्षद धर्मपाल चड्ढा हैं। वार्ड 7 के निवर्तमान पार्षद का वार्ड अब 11 होगा।
एक ही वार्ड में पवन अग्रवाल व बिट्टू चावला
नगर निगम के निवर्तमान पार्षद पवन अग्रवाल और दिलीप चावला बिट्टू का वार्ड एक ही कर दिया गया है। अब दोनों का वार्ड 13 होगा। पहले बिट्टू चावला का वार्ड 11 था, जबकि पवन अग्रवाल का वार्ड 6 था। दोनों की पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है। पूर्व सीएम हुड्डा को मीडिया एडवाइजर रहे बिट्टू चावला पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ खड़े थे। वार्ड 14 में नप के पूर्व पार्षद चंद्रमोहन गुप्त रहते हैं। निवर्तमान पार्षद हरजिंद्र कौर का वार्ड 10 था, लेकिन अब उनका वार्ड 15 बनेगा। वार्ड 16 में इस चुनाव में नया चेहरा उतरेगा। वार्ड 9 के निवर्तमान पार्षद हिम्मत सिंह का वार्ड अब 17 बनेगा, जबकि वार्ड के निवर्तमान पार्षद हरीश शर्मा का इस बार वार्ड 18 होगा। वार्ड 19, 20 में इस बार नया चेहरा सामने आएगा।
सात वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित
20 वार्ड में से 7 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे, जिनमें से 2 दो वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। इसके अलावा 5 वार्ड अनुसूचित जाति एवं 2 वार्ड पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों के लिए आरक्षित होंगे। 6 वार्ड सामान्य होंगे।
लंबी कर दी वार्डों की सीमा: पवन
निवर्तमान पार्षद पवन अग्रवाल ने कहा कि प्रस्तावित वार्डबंदी किसी के गले नहीं उतर रही है। एक तो पुराने वार्डों के कई हिस्से कर दिए गए हैं। ऊपर से वार्ड की लंबाई भी काफी कर दी गई है। एक वार्ड की लंबाई मंजी साहिब गुरुद्वारा से लेकर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के सामने कपिल आई अस्पताल तक है। अगर कोई पार्षद मंजी साहिब गुरुद्वारा के पास बनता है तो कपिल अस्पताल के पास के लोगों को दो किलोमीटर दूर पार्षद से काम कराने जाना पड़ेगा।
बिना ब्लॉक बनाए कर दी वार्डबंदी: हिम्मत
निवर्तमान पार्षद हिम्मत सिंह ने कहा कि वार्डबंदी बिना ब्लॉक बनाए कर दी गई है। वार्डों को ऐसे बनाया गया है ताकि निवर्तमान पार्षद चुनाव न लड़ने पाएं, क्योंकि हर पार्षद ने अपने वार्ड में जमीनी स्तर पर काम किया होता है। नई वार्डबंदी के नक्शे से सब कुछ क्लियर हो जाएगा कि आखिर वार्डबंदी की कमेटी में भाजपा के जिन 5 नेताओं को शामिल किया गया था। उन्होंने अपने हिसाब कैसे वार्डबंदी की है।
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