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Tuesday 18 August 2020

सोशल मीडिया पर हथियारों की डीलिंग; पिस्टल-कारतूस खरीदने-बेचने को गैंगस्टर वाॅट्सएप व फेसबुक पर काेड वर्ड में लेते हैं ऑर्डर

महबूब अली लाॅरेंस बिश्नोई गिरोह के संबंध में एक और चाैंकाने वाला खुलासा हुआ है। साेशल मीडिया फेसबुक, वॉट्सएप पर लाॅरेंस बिश्नाेई, साेपू के नाम से बनाए ग्रुप में खुद काे लाॅरेंस बिश्नोई से जुड़ा हाेने का दावा करते हुए कुछ लाेग हथियाराें काे हरियाणा से लेकर पंजाब, यूपी, राजस्थान, दिल्ली के विभिन्न स्थानाें पर पहुंचाने का दावा करते हैं। हथियाराें काे खरीदने और बेचने के लिए काेड वर्ड में चैटिंग होती है। पिस्तौल लेने के लिए ग्रुप में कहा जाता है कि माल चाहिए।

ग्रुप काे चलाने वाले एडमिन इंटरनेट के माध्यम से बनाए विदेशी नंबराें से ही ग्रुप के सदस्याें से बात करते हैं। ग्रुप में फायरिंग करती वीडियाे भी वायरल है। ग्रुप में शामिल सदस्याें काे किसी तरह की दिक्कत हाेने पर मदद करने का पूरा भराेसा दिलाया जाता है। भास्कर ने 15 दिन तक इन ग्रुप की गतिविधियों के बारे में पड़ताल की। खुद काे गुरु भाई बताने वाला युवक किसी भी जिले में हथियार उपलब्ध कराने का दावा करता है। पुलिस और एसटीएफ भी साेशल मीडिया के माध्यम से हथियार उपलब्ध कराने का दावा करने वालाें पर शिकंजा कसने में नाकाम है।

पड़ताल के दौरान पाया कि साेपू और लाॅरेंस बिश्नोई ग्रुप में शामिल हाेने के लिए रिक्वेस्ट करने वाला कहता है कि भाई लाॅरेंस काे बहुत ज्यादा मानता हूं। आपके ग्रुप में जुड़कर काम करना चाहता हूं। फाेटाे के साथ माेबाइल नंबर डालते ही नंबर एड कर लिया जाता है। ग्रुप में दिनभर में करीब 100 से अधिक मैसेज सदस्य शेयर होते हैं। ग्रुप में करीब 146 लाेग शामिल हैं, जिनमें 10 से अधिक विदेशी नंबराें से एडमिन बनाए गए हैं। इस तरह हथियारों की खरीद-फरोख्त का धंधा चल रहा है।

यह दिए गए हैं काेड वर्ड
हथियार खरीदने के लिए ग्रुप के सदस्य काेड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। पिस्तौल खरीदने के लिए माल शब्द का यूज किया जाता है। इसके अलावा गन चाहिए यह भी काेड वर्ड का ही हिस्सा है। ये दाेनाें शब्द लिखते ही गिरोह के सदस्य समझ जाते हैं कि बातचीत करने वाला जानकार है।

बच्चे ने फाेटाे डाला ताे उसे तुरंत कर दिया रिमूव
ग्रुप में कई दिन पूर्व ही एक एड नंबर से बच्चे का फाेटाे शेयर कर दिया गया। ग्रुप एडमिन ने कहा कि बच्चे काे किसने ग्रुप में एड किया। यह ग्रुप 16 साल से अधिक के लोगों की उम्र के लिए है। तुरंत ही उस नंबर काे रिमूव कर दिया गया। भविष्य में किसी भी बच्चे का नंबर एड नहीं करने की भी चेतावनी दी गई।

हथियारों की तस्करी को कई ग्रुप बनाए
सूत्राें के अनुसार युवाओं काे लाॅरेंस गिरोह से जाेड़ने के लिए फेसबुक के अलावा वॉट्सएप पर साेपू, लाॅरेंस के नाम से 50 से अधिक ग्रुप बनाए गए हैं। उक्त ग्रुप में जुड़े युवा किसी अपराध काे अंजाम देते हैं या फिर वैसे ही वर्चस्व कायम करने के लिए ग्रुप बनाया गया है। यह पुलिस की जांच में स्पष्ट हाे सकेगा।

हिसार, एसपी, गंगाराम पुनिया ने कहा कि हाल ही में एसटीएफ ने लाॅरेंस गिरोह के सदस्याें काे गिरफ्तार किया था। अन्य सदस्याें काे भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ग्रुप के माध्यम से हथियाराें की सप्लाई के संबंध में डील हाेने का मामला गंभीर है। साइबर सेल को भी मामले की जांच सौंपी गई है। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।



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हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के युवा भी जुड़े हैं ग्रुप से।


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