इस वर्ष जिले के किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 8 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन विभागीय पोर्टल पर 21 अगस्त तक कर सकते हैं। उपायुक्त आरएस वर्मा ने कहा है कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 2.57 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। किसान इन आधुनिक मशीनों का प्रयोग करके पर्यावरण संरक्षण में अपना अहम योगदान दे सकते हैं।
इसके साथ -साथ फसल अवशेषों को इन मशीनों का प्रयोग करके मिट्टी में मिलाकर भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकते हैं। सहायक कृषि अभियंता विजय कुंडू ने बताया कि रोहतक में 102 किसानों और अनुसूचित जाति के 22 किसानों को स्ट्रा बेलर, एसएमएस, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रॉ चोपर, रिवर्सिबल प्लो, सुपर सीडर, जीरो टिलेज पर व्यक्तिगत श्रेणी के अन्तर्गत भारत सरकार की ओर से निर्धारित किए गए अधिकतम मूल्य का 50 प्रतिशत और निर्धारित अधिकतम अनुदान राशि दी जाएगी।
किसी भी यंत्र के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक आवेदन आने पर जिला स्तरीय कार्यकारी कमिटी या राज्य लेवल पर ड्रा ऑफ लोटस से चयन किया जाएगा। इसके साथ -साथ उन्होंने कहा है कि जिले में इस वर्ष सामान्य कैटेगरी की 20 एवं अनुसूचित जाति के लिए 5 सीएचसी स्थापित की जाएगी। जिन पर हरियाणा सरकार की ओर से लगभग 80% अनुदान दिया जाएगा। सीएचसी के लिए केवल को-ऑपरेटिव सोसाइटी, एफपीओ एस पंजीकृत किसान सोसाइटी और ग्राम पंचायत ऑनलाइन आवेदन कर सकती है।
ऑनलाइन आवेदकों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। किसान को 1 अप्रैल 2018 के बाद इन मशीनों पर अनुदान नहीं लिया हो। एक किसान अधिकतम तीन अलग -अलग प्रकार के कृषि यंत्र के लिए व्यक्तिगत श्रेणी में आवेदन कर सकता है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए उप कृषि निदेशक या सहायक कृषि अभियन्ता, रोहतक के कार्यालय से संपर्क कर सकते है।
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