मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना (एमएमआईवाई) का जिले में सीमित बजट आने से जिला स्वास्थ्य विभाग को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब फिर से एमएमआईवाई योजना के तहत जिले में 50 लाख का बजट आया है। लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग की डिमांड 2 करोड़ के बजट की थी। आए 50 लाख के बजट से स्वास्थ्य विभाग की परेशानी खत्म नही होगी। क्योंकि इससे सिर्फ कुछ दिनों के लिए दवाओं की ही खरीद हो पाएगी। जिला स्वास्थ्य विभाग पर कई माह से डायलसिस व सीटी स्कैन की बकाया लाखों रुपए की राशि भुगतान ही नहीं हो पाएगा।
इस साल एमएमआईवाई का सीमित बजट आने के कारण जिला स्वास्थ्य विभाग की तरफ दवा कंपनियों से लेकर पीपी मोड में चल रही डायलसिस व सीटी स्कैन का भुगतान ही नहीं हो पाता। जुलाई में भी एमएमआईवाई के तहत जिले को 60 लाख रुपए का बजट मिला था। यह बजट सिर्फ दवाओं की खरीद पर खर्च किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि अगले बजट में इस समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
60 लाख के करीब है डायलसिस की उधार
सिविल अस्पताल में पीपीपी मोड में प्राइवेट कंपनी द्वारा मरीजों को दी जा रही डायलिसिस की सुविधा की अब जिला स्वास्थ्य विभाग की तरफ करीब 60 लाख की उधार हो गई है। सीटी स्कैन का काफी उधार स्वास्थ्य विभाग की तरफ बकाया है। कई माह से दोनों का स्वास्थ्य विभाग भुगतान नहीं कर पाया है।
उधार चुकाने के लिए जल्द आएगा बजट : डाॅ. पूनिया
एमएमआईवाई का 50 लाख का बजट मंजूर हो गया है। अगले दो-चार दिन में डायलिसिस व सीटी स्कैन की उधार चुकाने के लिए बजट मिल जाएगा। आए बजट से दवाओं की खरीद होगी ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। डाॅ. आरएस पूनिया, एसएमओ, सिविल अस्पताल जींद।
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