फर्जी कागजातों पर 7 फर्म बनाकर करीब 75 फर्म के साथ 123.60 करोड़ का लेनदेन किया गया। आबकारी एवं कराधान विभाग ने 5 फर्म पर एफआईआर दर्ज करवा दी है। फर्मों नेफर्जी इनपुट क्लेम किया है। फर्में चंद दिनों में ही रजिस्टर्ड कराई गई और थोड़े दिन में ही कैंसिलेशन कर दिया गया। इस तरह से फर्मों ने टैक्स चोरी करने के साथ धोखाधड़ी भी की।
हालांकि भुगतान होने से पहले कंपनियों को पकड़ लिया गया और उन पर एफआईआर दर्ज कर इनसे टैक्स वसूली की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है। आबकारी व कराधान विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में आया कि सात फर्मो ने कागजों में माल की खरीद फरोख्त कर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया। साथ ही सरकार से इनपुट क्रेडिट भी क्लेम कर दिया। बताया गया है कि लेनदेन केवल कागजों में सीमित है। जमीनी स्तर पर इन्होंने कोई कार्य नहीं किया। केवल सरकारी पहलू को कमजोर समझ करके इन्होंने मुनाफा कमाने का प्रयास किया।
गहनता से चल रही फर्जी फर्म बनाकर क्रेडिट इनपुट लेने की जांच
इनपुट क्लेम लेने का भी प्रयास
पांच फर्मों पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। जिसमें एक फर्म तो सिविल लाइन थाना सोनीपत की है। बाकी चार राई थाने में दर्ज की गई है। इन्होंने गलत तरीके से फर्म बनाकर के करोड़ों रुपए के जीएसटी टैक्स का नुकसान तो किया ही साथ ही सरकार से इनपुट क्रेडिट क्लेम कर लाभ लेने का प्रयास किया।सभी पर टैक्स के लिए एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। गलत डाक्यूमेंट्स लगाकर व गलत तरीके से फर्म बनाने के आरोप में धोखाधड़ी के तहत भी कार्रवाई की जा रही है।
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह कदम उठाया : आबकारी व कराधान विभाग ने सभी इंस्पेक्टर को उनके वार्ड में आने वाले फर्मों के रजिस्ट्रेशन के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन का आदेश दिया है। इंस्पेक्टर को कहा गया है कि अगर उनके इलाके में बगैर फिजिकल वेरिफिकेशन के कोई फार्म बनाई जाती है तो उसके लिए वह जिम्मेदार होंगे। 21 दिनों में इंस्पेक्टर को संबंधित फर्म की फिजिकल वेरिफिकेशन कर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। गूगल मैप का भी सहारा लेकर के फॉर्म की वेरिफिकेशन करनी होगी। ताकि यह पता चल सके कि वास्तव में फर्म मौके पर मौजूद है या नहीं। इससे फर्जीवाड़ा तो रुकेगा ही साथ ही कार्यशैली में भी सुधार आएगा।
बाकी दोनों पर भी दर्ज होगी एफआईआर
फर्जी फर्म के बारे में जानकारी मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। सात फर्म बोगस डाक्यूमेंट्स के आधार पर 75 से अधिक फर्मों के साथ लेनदेन कर इनपुट क्रेडिट का लाभ लेना चाहा। इसमें से 5 पर एफआईआर दर्ज करा दी गई है। दो फर्म पर जल्द होगी। डॉ. सुरेंद्र सिंह, डीईटीसी आबकारी व कराधान विभाग सोनीपत।
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